पूर्णिमा की रात को सबसे ज्यादा होते हैं हादसे

By: Dilip Kumar
12/15/2017 12:24:58 AM
नई दिल्ली

अगर आप बाइक से यात्रा करते हैं और वह भी रात में तो सावधान हो जाएं। खास तौर पर पूर्णिमा की रात बाइक की सवारी करते समय विशेष ध्‍यान रखें, क्‍योंकि चांद जब पूरे शबाब पर होता है तो यह आपका ध्‍यान भटकाता है और हादसों को आमंत्रित करता है। यह दावा एक नए शोध में किया गया है, जिसके मुताबिक, पूर्ण चांद की रात बाइक एक्‍सीडेंट का जोखिम बढ़ जाता है। अध्‍ययन के नतीजों में इसकी वजह चांद की रोशनी में बाइक सवार का ध्‍यान भटक जाना बताया गया है।

अध्‍ययन के मुताबिक, बाइक हादसे दुनियाभर में आम हो गए हैं, जिसमें लाखों लोगों की जान जाती है। अकेले अमेरिका में हर साल इस वजह से करीब पांच हजार लोगों की मौत होती है। यानी हर सात सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में एक बाइक सवार होता है। सड़क हादसों की बड़ी वजह वाहन चलाने के दौरान अचानक से ध्यान भटक जाना होता है और पूर्ण चांद की रात इसमें और इजाफा कर देता है।
साल में करीब 12 बार पूरा चांद दिखता है, जो बड़ा और चमकीला होता है। इसलिए वाहन चालक का ध्यान भटकने की     पूरी संभावना होती है।

कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पूर्ण चंद्र वाली रात में होने वाले सड़क हादसों की गिनती की है और इसकी तुलना पूर्ण चंद्र से ठीक एक हफ्ते पहले और बाद वाले हफ्ते में होने वाले सड़क हादसों से की है।
अध्‍ययन के मुताबिक, 1 हजार 482 रातों में 13 हजार 29 लोग घातक बाइक हादसों का शिकार हुए। इनमें 494 रातें पूर्ण चंद्र वाली रातें थीं, जबकि 988 रातें सामान्य थीं।

आमतौर पर बाइक चलाने वाला मध्यम उम्र का पुरुष (औसत उम्र 32 साल) होता है, जो हेलमेट नहीं पहनता। साल 1975 से 2014 के बीच पूरे चांद की 494 रातों में कुल 4 हजार 494 घातक दुर्घटनाएं हुईं। यानी प्रत्येक रात करीब नौ सड़क हादसे हुए। वहीं सामान्य 988 रातों में 8,535 हादसे हुए, जिसका औसत प्रत्येक रात 8.64 हादसे है।


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