जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट : थर्डएसी कोच के यात्री लिए बिना चली ट्रेन, भागदौड़ में आधा दर्जन जख्मी

By: Dilip Kumar
10/1/2017 6:38:52 PM
नई दिल्ली

ग्वालियर से चलकर पुणे जाने वाली ग्वालियर-पुणे एक्सप्रेस के एक स्लीपर कोच की जगह शनिवार को जनरल कोच लगा दिया गया। जनरल कोच लगाने के बाद इस संबंध में कोई अनाउंसमेंट भी नहीं किया गया। जब यात्री कोच पर पहुंचे तब उन्हें पता लगा कि उन्हें जनरल कोच में सफर करना होगा। इसके बाद तो हंगामा शुरू हो गया। कुछ यात्रियों को तो दूसरे कोचों में सीट दे दी गई, लेकिन अधिकांश यात्रियों को जनरल कोच में ही सफर करना था तो यात्रियों ने आधा घण्टे तक ट्रेन नहीं चलने दी। पांच बार चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी।

शनिवार को पुणे जाने वाली ग्वालियर-पुणे एक्सप्रेस के रैक का एक स्लीपर कोच सिक (खराब) हो जाने के कारण इस कोच को अलग कर जनरल लगा दिया गया। एस-6 कोच खराब हुआ था। सुबह ही कोच सिक हुआ। एस-6 की जगह जनरल कोच लगा दिया गया और जनरल कोच पर ही हाथ से एस-6 लिख दिया गया। इसके कुछ यात्रियों को एस-1,एस-3 में भेज दिया गया। इन्हें यह आश्वासन दे दिया गया कि उन्हें एस-1, एस-3 में सीट दे दी गई है, लेकिन जब यह यात्री अंदर पहुंचे तो इन्हें साइड लोअर बर्थ पर आधी-आधी सीट दी गई।

कुछ यात्रियों को पूरी बर्थ दी गई। साथ ही कई यात्रियों को एस-6 कोच में ही सफर करना था। यात्रियों को जब पता लगा कि उन्हें रिजर्वेशन के पैसे देने के बाद भी जनरल कोच में सफर करना होगा तो यात्रियों ने हंगामा कर दिया। ट्रेन रवाना हुई तो यात्रियों ने चेन पुलिंग कर दी। इसी कोच में एक ही परिवार के 20 लोग सवार थे। एस-6 कोच में बर्थ नंबर 3 पर बृजेश कुमार का रिजर्वेशन था। इन्होंने बताया कि ग्वालियर से सिलवासा तक उनके 20 सदस्यों को जाना है।

जनरल कोच लगा दिया गया अब उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह लोग सगाई के लिए सिलवासा जा रहे थे। पांच बार चेन पुलिंग करके ट्रेन को रोका गया। इसके बाद आरपीएफ स्टाफ वहां पहुंचा। आरपीएफ स्टाफ ने किसी तरह से लोगों को समझाया और ट्रेन रवाना करवाई। ट्रेन करीब आधा घण्टा देर से ग्वालियर से रवाना हो सकी।

सीट दूसरे कोच में दी, मैसेज ही नहीं पहुंचा

अगर इस तरह की स्थिति बनती है तो रेलवे को यात्री को दूसरे कोच में सीट अलॉट करनी होती है या फिर उसे पैसा वापस देना होता है। कुछ यात्रियों की सीट एस-6 से दूसरे कोच में अलॉट कर दी गई। लेकिन इन्हें मैसेज नहीं दिया गया। जबकि इन्हें सूचित किया जाना था। जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर लगी तब इन यात्रियों को टीटीई से संपर्क करने पर पता लगा। इसके चलते यात्री काफी नाराज थे।


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