इरफान की बीमारी क्या है ? Neuroendocrine tumor

By: Dilip Kumar
3/16/2018 7:13:37 PM
नई दिल्ली

कुछ वक्त पहले बॉलीवुड एक्टर इरफान खान ने एक ट्वीट कर खुद को 'रेयर' बीमारी होने की जानकारी दी थी। इसके बाद उनकी बीमारी को लेकर कई तरह की अफवाह उड़ने लगी थीं। लेकिन तमाम तरह के कयासों पर फुल स्टॉप लगाते हुए इरफान खान ने आज खुलासा कर दिया कि उनके अंदर न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर पाया गया है।इरफान के इस खुलासे के बाद फैंस अब ये तो जान गए हैं कि इरफान एक रेयर ट्यूमर से ग्रस्त हैं। लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि आखिर ये ट्यूमर कितना खतरनाक है और ये बीमारी होती कैसे है। इस बात को समझने के लिए न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर से जुड़ी कुछ खास बातों की जानकारी होना जरूरी है।

Neuroendocrine tumor
इस तरह का ट्यूमर शरीर के उन हिस्सों में जन्म लेता है जो हार्मोन पैदा करते हैं, जैसे कि एंडोक्राइन ग्लैंड। शरीर के कुछ हिस्से जैसे कि फेफड़े, पेट और आंतों में न्यूरो एंडोक्राइन सेल्स मौजूद होते हैं, जो रक्त का संचार सही करने और खाने को पचाने का काम करते हैं। इन्हीं सेल्स में कैंसर वायरस अटैक करता है जो आगे चलकर ट्यूमर को जन्म देता है।  

डायरिया से ग्रस्त मरीजों को है खतरा
डॉक्टरों की मानें तो न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रही है। इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है लगातार डायरिया होना। अगर 20 से 25 दिनों तक किसी को लगातार दस्त हो रहे हों तो तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए।

हेरिडिटी' के चलते हो सकता है ये ट्यूमर 
डॉक्टरों का मानना है कि ये जानलेवा बीमारी आनुवांशिक (हेरिडिटी) कारणों से भी होती है। परिवार में माता या पिता को यह बीमारी हुई तो उनसे उनके बच्चे को होने का खतरा रहता है। बच्चे में इस बीमारी का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट जरूरी होता है। अगर टेस्ट में बच्चे में यह बीमारी पाई जाती है तो सर्जरी करके उसका थाइराइड ग्लैंड निकाल दिया जाता है। इससे उसे ट्यूमर होने का खतरा खत्म हो जाता है।

 ये है इस ट्यूमर का इलाज

डॉक्टरों का मानना है कि इस ट्यूमर का एक मात्र इलाज ऑपरेशन ही है। इसका खतरा सबसे अधिक 20 से 40 साल तक के युवाओं में होता है। ब्लड प्रेशर, सिर दर्द और ज्यादा पसीना आने आने पर इस उम्र के लोगों को तुरंत जांच करवानी चाहिए। 

 

 


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