Navratri 2018- सभी कष्टों को दूर करती हैं मां

By: Dilip Kumar
3/17/2018 4:44:59 PM
नई दिल्ली

चैत्र नवरात्रि 2018 का पहला दिन 18 मार्च यानी रविवार को है। इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आज के दिन कलश स्थापना के साथ नवरात्रि पूजा की विधिवत शुरुआत होती।इस मौके पर एस्ट्रोलॉजर सरिता गुप्ता ने बताया कि शैलपुत्री मां दुर्गा का ऐसा स्वरूप है जिसकी पूजा से मनुष्य के सारे कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। शैलपुत्री को मां पार्वती का स्वरूप माना जाता है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक चैत्र नवरात्रि चैत्र को आत्‍मशुद्ध‍ि और मुक्‍त‍ि का आधार माना जाता है। माना जाता है कि चैत्र में नवरात्रि में उपासना औ पूजा करने से घर की नाकारात्मकता दूर होती है और वातावरण में साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है

नवरात्रि की शुरुआत घरों में साफ सफाई से होती है। घर के जिस स्थान पर आप कलश स्‍थापना करना चाहते हैं उस स्‍थान को अच्‍छी तरह साफ कर लें। मिट्टी के घरों में इसे गाय के गोबर से लीपकर पवित्र किया जाता है। लेकिन यदि आप शहर में है तो कलश स्‍थापना के स्थान को धुलने के बाद गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर सकते हैं। ध्यान रहे कि कलश स्थापना और पूजा के उपयोग में आने वाले बर्तन जूठे न हों। स्‍थान को स्वच्छ और पवित्र करने के बाद एक लकड़ी का पटरा रखकर उस पर नया लाल कपड़ा बिछाएं। इसके साथ एक मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। इसी बर्तन के बीच में जल से भरा हुआ कलश रखें।कलश का मुख खुला ना छोड़ें, उसे ढक्‍कन से ढक दें और कलश पर रखे ढक्कन पर चावल या गेंहूं से भर दें। इसके बाद उस पर नारियल रखें। इसके बाद कलश के पास दीपक जलाएं। आपका कलश मिट्टी या किसी धातु का बना हो सकता है।

 

 


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