By: Devendra Gautam
3/24/2018 4:09:08 PM
Ranchi

भाजपा को झटका दे गया राज्यसभा चुनाव

देवेंद्र गौतम

रांची। लाख कोशिशों के बावजूद भाजपा झारखंड में राज्यसभा की दूसरी सीट नहीं ले सकी। यूपीए ने एकजुटता का परिचय देते हुए मात्र एक वोट की बढ़त से उस सीट पर कब्जा कर लिया। एनडीए की एक सीट तो पक्की थी जिसपर समीर उरांव को जीतना था। वे जीत गए। दूसरी सीट के लिए दोनो गठबंधनों के बीच शह मात का खेल चल रहा था। भाजपानीत गठबंधन एनडीए सात वोटों का जुगाड़ कर दूसरी सीट भी अपने कब्जे में लेना चाहती थी। एनडीए के पास 47 वोट थे जबकि कांग्रेस के 7, झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19 और झारखंड विकास मोर्चा के 2 वोटों को मिलाकर 28 वोट थे। जीत के लिए न्यूनतम 27 वोटों की जरूरत थी। यूपीए के पास संख्याबल था लेकिन भाजपा उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही थी। एनडीए के पास दूसरी सीट के लिए 20 वोट थे। दूसरी सीट के लिए कोयलांचल के धनाढ्य व्यवसायी प्रदीप सोंथालिया और यूपीए प्रत्याशी धीरज साहु के बीच टक्कर थी। धीरज साहु भी झारखंड के जाने-माने उद्योगपति घराने से आते हैं। सोंथालिया ने क्रास वोटिंग और दूसरी वरीयता के आंकड़ों के हिसाब से अपना जुगाड़ बिठाया था। लेकिन मात्र एक वोट से पिछड़ गए। धीरज साहु विजयी हुए। इस तरह हालांकि भाकपा माले विधायक राजकुमार यादव ने पहला वोट यूपीए के पक्ष में डाला लेकिन दूसरी वरीयता के वोट में नोटा का इस्तेमाल कर एनडीए को परोक्ष रूप से मदद करने की कोशिश की। इधर झविमो विधायक प्रकाश राम ने क्रास वोटिंग की। झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। क्रास वोटिंग की ताक में कुछ और विधायक थे लेकिन निगरानी इतनी कड़ी थी कि उन्हें इसका अवसर नहीं मिला।

इस जीत से यूपीए की एकजुटता साबित हुई। यदि यह कायम रही तो आगामी आम चुनावों में मोदी के विजय रथ के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। झारखंड भाजपा के मजबूत गढ़ों में गिना जाता है। कांग्रेस ने यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर अपनी रणनीति बना ली है। इसके अनुसार विधान सभा में झामुमो और लोकसभा में कांग्रेस नेतृत्वकारी भूमिका में होगी। अन्य विपक्षी दल भी इससे सहमत दिखाई दे रहे हैं।


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