उन्‍नाव गैंगरेप मामला: विधायक के बचाव में आई पत्नी

By: Dilip Kumar
4/11/2018 1:51:47 PM
नई दिल्ली

उन्नाव गैंगरेप का मामला बढ़ता जा रहा है। मामले की जांच के लिए कल गठित एसआइटी की टीम आज उन्नाव पहुंची और पीड़ित परिवार से मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में आज शाम तक रिपोर्ट मांगी है। वहीं, पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे मुझे न्याय दिलाएं। उधर, आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर ने आज डीजीपी ओपी सिंह से मुलाकात की और अपने पति को न्याय दिलाने की मांग की।

यही नहीं अब यह केस इलाहाबाद हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में पहुंच गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जबकि देश की शीर्ष अदालत ने सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है। मामले की सुनवाई के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी। मामले में सीबीआइ जांच और पीड़िता को मुआवज़े की मांग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्‍ताह सुनवाई करने के लिए तैयार है।

बता दें कि वकील एमएल शर्मा ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। याचिका में रेप पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा और मुआवज़ा देने की मांग की है। साथ ही पुलिस और विधायक के ख़िलाफ़ जांच की मांग भी की गई है। उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप और हत्या के आरोप लगने के बाद पहली बार उनकी पत्नी का बयान सामने आया है। मीडिया के सामने आने के बाद भाजपा विधायक की पत्नी ने रोकर कहा कि मेरे पति निर्दोष हैं उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। षड़यंत्र रचकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

संगीता ने कहा कि मेरे पति और रेप पीड़िता का नारको टेस्ट कराकर देख लें सच्चाई सामने आ जाएगी। अभी तक मेरे पति के खिलाफ कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया है। फिर भी पूरी मीडिया उन्हें बलात्कारी घोषित करने में लगी है। मेरी बेटियों को परेशान किया जा रहा है उनके पिता पर आरोप सिद्ध होने से पहले ही उनके माथे पर रेपिस्ट का ठप्पा लगा दिया है।

उधर, पीड़िता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग की है। उसका कहना है कि जिलाधिकारी ने उसको और उसके परिवार को होटल में रखा हुआ है। वहां उनको पानी तक नहीं पूछा जा रहा है।उसकी जिंदगी को नर्क बनाने वाले भाजपा विधायक को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए। दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

न्यायिक अभिरक्षा में पीडि़त किशोरी के पिता की मौत के मामले में एसपी उन्नाव ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है। रिपोर्ट में दस माह से दोनों पक्षों के बीच मुकदमेबाजी व बढ़ती रंजिश की बात सामने आई है। विधायक पक्ष की ओर से तीन मुकदमे दर्ज कराए गए थे। रिपोर्ट में किशोरी की 21 जून, 2017 को बरामदगी के बाद दोनों पक्षों के बीच बढ़े विवाद को सिलसिलेवार बताया गया है। कहा गया है कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी व पोस्टर बंटवाने को लेकर मुकदमे दर्ज कराए गए थे। 30 अक्टूबर, 2017 को माखी थाने में विधायक समर्थक की ओर से पर्चे बंटवाने के मामले को लेकर मानहानि की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। एक नवंबर, 2017 को इसी थाने में आइटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। तीन अप्रैल को हुए झगड़े व उसके बाद की कार्रवाई का ब्योरा भी दिया गया है। रिपोर्ट से भी स्थानीय पुलिस की चूक सामने आ रही है। दो पक्षों के बीच चल रही रंजिश को देखते हुए यदि पुलिस ने वक्त रहते ठोस कार्रवाई की होती, तो तीन अप्रैल जैसी घटना को टाला जा सकता था।

उन्नाव गैंगरेप मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि विधायक ने सभी आरोपों को साजिश करार दिया और जांच की मांग की। उल्‍लेखनीय है कि गैंगरेप पीड़िता ने मुख्‍यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। विधायक के भाई पर आरोप यह भी है कि उसने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा था जिसकी वजह से उनकी जेल में मौत हो गई थी। पीड़िता के मुताबिक विधायक का भाई उनके पिता पर केस वापस लेने का दबाव बना रहा था।

उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह पर आरोप है कि विधायक के भाई और गुर्गो ने माखी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार को घर मे घुसकर 3 अप्रैल को जमकर मारपीट की थी। आरोप है कि बेटी को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने की शिकायत के बाद भाजपा विधायक के भाई ने परिजनों को जमकर पीटा था।


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