कुर्सी जाती देख तोगड़िया ने किया मोदी सरकार पर वार

By: Dilip Kumar
4/14/2018 1:41:54 PM
नई दिल्ली

विश्व हिंदू परिषद् (वीएचपी) में आज 52 साल बाद पहली बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होंगे। ऐसे में सबकी नजर प्रवीण तोगड़िया पर है। दरअसल वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष तोगड़िया और बीजेपी-आरएसएस के बीच संबंध इन दिनों काफी खराब हैं। चुनाव से पहले एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए तोगड़िया ने कहा कि, विश्व हिंदू परिषद में चुनाव करोड़ों लोगों के लिए ‘दुखद और आघात’ की घटना है। यह सामाजिक, धार्मिक संगठन है। 52 साल में चुनाव नहीं हुआ और आज ‘राजनीतिक चुनाव’ थोपा जा रहा है। थोपने का कारण है या तो वीएचपी टूट जाए या हिंदुओं की परिषद ‘सरकारी परिषद’ बन जाए।

उन्होंने कहा कि, 80 साल के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जा रहा है। ‘यंग इंडिया’ में वीएचपी का अध्यक्ष इतनी उम्र का होगा? बीजेपी की ओर से वह गवर्नर भी रह चुके हैं। विष्णु सदाशिव कोकजे वीएचपी का नेतृत्व करेंगे! उन्हें चुनने के लिए चुनाव हो रहा है। कार्यकर्ता के विवेक पर विश्वास है कि वह हिंदुत्व विचारधारा को पराजित नहीं होने देंगे। हालांकि यह सब चुनाव में तय होगा।

एक प्रोग्राम शो में प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि, ‘संघ परिवार में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट होता है।आडवाणी जी का रिटायरमेंट हुआ और वीएचपी में 80 साल का शख्स चुनाव लड़े यही आश्चर्य है। 61 साल के राघव रेड्डी हैं, उन्हें चुना जाए। तोगड़िया ने कहा कि, चुनाव का परिणाम जो भी आएगा लेकिन हम अपने संकल्प को आगे बढ़ाते रहेंगे। मोदी सरकार का वादा पूरा नहीं होता है तो फिर हम जनता के बीच निकलेंगे।

संतों की चिंता का प्रमुख कारण यह है कि हिंदुओं को एकजुट करके श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण, गाय, गंगा, गायत्री रक्षा जैसे आंदोलन चलाने वाले विहिप में ऐसा क्या हुआ कि अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग की नौबत आ गई। संत समाज हिंदुओं की एकता के लिए विहिप में होने वाले चुनाव को रोकने की सलाह दे रहा है। संतों का मत है कि विहिप जैसे संगठन के पदाधिकारियों का मत अलग-अलग होने से हिंदुओं की एकता कमजोर होगी। साथ ही हिंदुत्व की रक्षा को लेकर चल रहे आंदोलन प्रभावित होंगे। 


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