हैंडीक्राफ्ट विकास की संभावनाओं पर मंथन

By: Devendra Gautam
4/27/2018 11:36:31 PM
Ranchi

 

 रांची / नई दिल्ली। केन्द्र और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में हस्तशिल्प - हस्तकरघा उद्योग के विकास पर चर्चा की गयी। हस्तशिल्प-हस्तकरघा को बढ़ावा देने से स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। देश के कई राज्यों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। चर्चा के क्रम में राज्य में चल रही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया। झारखंड राज्य हस्तकरघा - हस्तशिल्प का क्षेत्र अन्य राज्यों के मुकाबले काफी समृद्ध है। केन्द्र सरकार की इस पहल से राज्य के हस्तशिल्प और हस्तकरघा से जुड़े कारीगरों को काफी फायदा होगा। उपरोक्त बातें राजस्व, निबंधन, भूमि सुधार, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प - हस्तकरघा क्षेत्र को बढ़ावा मिलने से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी फायदा होगा। राज्य में जल्द ही धागा स्टाक को बढ़ाने की पहल की जायेगी। वहीं उन्होंने केन्द्र सरकार को आश्वस्त किया कि झारखण्ड राज्य हर संभव प्रयास करेगा।

वस्त्र मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में देश भर के हस्तशिल्प और हस्तकरघा से जुड़े योजनाओं पर विचार विमर्श करते हुए केन्द्रीय मंत्री स्मृति जुबीन इरानी ने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री और अधिकारी लक्ष्य निर्धारित कर हस्तकरघा और हस्तशिल्प समूहों के नियमित गतिविधियों की समीक्षा करें। बुनकर / कारीगरों और उनके परिवारों को एनआईओएस / इग्नू के माध्यम से नामांकन कराने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने टेक्समिन इंडिया के माध्यम से शिक्षा बढ़ाने पर भी जोर दिया।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया भारत हैंडलूम ब्रांड के लिए बुनकरों और गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए बढ़ती आय सुनिश्चित करगा, इसके लिए वीवर निर्माता और उपभोक्ता के बीच एक सामंजस स्थापित करें।

स्मृति जुबीन इरानी ने कहा कि बुनकर / कारीगरों के सर्वांगीण विकास की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए,केंद्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करें। इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिया।

कार्यक्रम में झारखण्ड राज्य के तरफ से मंत्री अमर कुमार बाउरी, निदेशक मंजूनाथ बैजनत्री उपस्थित थे। वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश और नागालैंड के मंत्री और सचिव उपस्थित थे।

 


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