कर्नाटक में सरकार पर फंसा पेंच, किंग बनने की ओर JDS

By: Dilip Kumar
5/15/2018 6:39:14 PM
नई दिल्ली

कर्नाटक में 222 विधानसभा सीटों के रुझान और कुछ के नतीजें सामने आ गए हैं। इन रुझानों के बाद भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस सबकी स्थिति लगभग साफ हो गई है। लेकिन, राज्य में अगली सरकार किसकी होगी, इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है। राज्य में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि उसके पास सरकार बनाने के लिए 9 सीटें कम हैं। वहीं, कांग्रेस 78 सीटों पर सिमटती दिख रही है। इसी बीच जेडीएस किंगमेकर और किंग बनने की भूमिका में दिख रही है। 37 सीटों पर बढ़त बनाने वाली जेडीएस ने कांग्रेस का सरकार बनाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है।

भाजपा ने भी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने का दावा किया है। भाजपा नेता येदियुरप्पा राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से भाजपा 100 फीसदी राज्य में सरकार बनाने जा रही है।

इससे पहले कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को समर्थन देने का ऐलान कर बड़ा दांव खेल दिया। कांग्रेस की चाल को देखते हुए भाजपा ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान को कर्नाटक रवाना कर दिया है।

ऐसे राजनीति हालात में सभी की नजरें अब राज्य के राज्यपाल पर जा टिकी हैं। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में राज्यपाल की अहम भूमिका हो गई है। देखना दिलचस्प होगा कि वह सरकार बनाने का अवसर किसे देते हैं। ऐसे मामलों में संवैधानिक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा। ऐसे में राज्यपाल अपने विवेक से किसी की भी नियुक्ति कर सकते है। राज्यपाल को ऐसे व्यक्ति में विश्वास करना होता है जिसे सदन में बहुमत मिलने की संभावना है। ऐसे में राज्यपाल अपनी समझ के अनुसार बहुमत हासिल करने के लिए किसी को बुला सकते हैं।

जहां तक बात सबसे बड़े दल को न्यौता देने की है तो संविधान में इसका कहीं उल्लेख नहीं है। संविधान में सिर्फ इतना उल्लेख है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेंगे। इस मामले में परंपराएं भी अलग-अलग तरह की रही हैं। सिर्फ बड़े दल को ही न्यौता दिया गया है ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कभी सबसे बड़े दल को मौका दिया गया है तो कभी सबसे बड़े गठबंधन को मौका दिया गया है। कई बार छोटे दलों को भी मौका दिया गया है। पिछले साल कांग्रेस के गोवा विधानसभा चुनाव में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सरकार बनाने का न्योता दिया था, जो सिर्फ 13 सीटें जीतकर आई है।

 


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