कर्नाटक विधानसभा में शनिवार चार बजे होगा शक्ति परीक्षण

By: Dilip Kumar
5/18/2018 3:40:28 PM
नई दिल्ली

कर्नाटक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है, इस फैसले को भाजपा के लिए झटका भी कहा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि शनिवार शाम चार बजे येद्दयुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। कोर्ट का यह फैसला एक तरह से कांग्रेस और जेडीएस के लिए राहत लेकर आया है और कांग्रेस ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताने में भी देर नहीं लगायी। हालांकि भाजपा की ओर से इसका विरोध करते हुए कुछ समय और मांगा गया, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए इन्‍कार कर दिया। भाजपा के वकील सात दिन का समय चाहते थे।

कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक शक्ति परीक्षण पास नहीं कर लेते, तब तक मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। यही नहीं एंग्लो इंडियन सदस्य के मनोनयन को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विधायकों के शपथग्रहण से पहले एंग्लो इंडियन सदस्य को मनोनीत नहीं किया जा सकता है।

कर्नाटक के राजनीतिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस ने इसे ऐतिहासिक बताया है। कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कई निर्देश जारी किये हैं। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के लिए आज शाम (शुक्रवार) 4 बजे तक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का आदेश दिया है।' उन्होंने कहा कि कोर्ट के अनुसार, कल फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और येद्दयुरप्पा कल तक कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेंगे।'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा, 'हमने मुख्य सचिव से बात की है और शनिवार को असेंबली का सेशन बुलाया है। हमें 100 प्रतिशत विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत के साथ जीतेंगे।' उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, हमें कल बहुमत साबित करने की पूरी उम्मीद है। हम राज्यपाल को कल सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र बुलाए जाने के लिए अपनी फाइल भेज रहे हैं। हम बहुमत साबित करने जा रहे हैं।'

वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, 'भाजपा बहुमत परीक्षण के लिए तैयार है। हमें विश्वास मत जीतने का भरोसा है। सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत सिद्ध कर देंगे।' बता दें कि कर्नाटक के राज्‍यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद बीएस येद्दयुरप्‍पा के पास बहुमत साबित करने के लिए अब कुछ घंटों का समय शेष रह गया है।

कांग्रेस और जेडीएस ने अपनी याचिका में राज्यपाल द्वारा येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिये जाने को चुनौती दी थी। यही नहीं एंग्लो इंडियन सदस्य मनोनीत किए जाने को भी कांग्रेस व जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी, कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम, राम जेठमलानी, शांति भूषण कोर्ट में मौजूद रहे। बता दें कि जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

दोनों दलों ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी थी। सुनवाई शुरू होने से पहले भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नाटक में खरीद-फरोख्त का सवाल ही नहीं उठता। दरअसल, कांग्रेस भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है।

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर रातभर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली, हालांकि कोर्ट ने भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। बुधवार देर रात सवा दो बजे शुरू हुई सुनवाई गुरुवार सुबह पांच बजकर 28 मिनट तक चली। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उसके समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी।


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