कर्नाटक में फ्लोर टेस्ट कराएंगे बीजेपी विधायक केजी बोपैय्या
By: Dilip Kumar
5/18/2018 6:22:06 PM
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना हुए तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक राज्य में मचा सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कल यानि शनिवार शाम चार बजे नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री येद्दयुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। इसी बीच, बहुमत परीक्षण के लिए राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर की नियु्क्ति कर दी। उन्होंने भाजपा के विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इससे पहले कांग्रेस विधायक आरवी देशपांडे और भाजपा के उमेश कट्टी का नाम प्रोटेम स्पीकर की रेस में सबसे आगे चल रहा था।
अब शनिवार को होने वाला बहुमत परीक्षण बोपैया की ही निगरानी में होगा। उधर, कांग्रेस ने बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाने का विरोध किया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा नियमों के खिलाफ काम कर रही है। सबसे सीनियर सदस्य को ही इस पद के लिए चुना जाता है। कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर जवाब देते हुए कहा कि केजी बोपैया को साल 2008 में भी राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। उस समय बोपैया की उम्र आज से 10 साल कम थी। कांग्रेस की आपत्ति बेवजह है। नियमों के मुताबिक ही बोपैया की नियुक्ति हुई है।
नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने और इसके बाद बहुमत परीक्षण करवाने की जिम्मेदारी प्रोटेम स्पीकर की होती है। इस वजह से पूरे घटनाक्रम में प्रोटेम स्पीकर का रोल सबसे अहम हो जाता है। प्रोटेम स्पीकर हालांकि बहुमत परीक्षण के दौरान खुद वोटिंग नहीं कर सकता है, पर स्पीकर की तरह उनके पास भी टाई होने की स्थिति में निर्णायक वोट करने का अधिकार होता है। इसके अलावा उनका सबसे अहम रोल किसी भी वोट को क्लालिफाई या डिसक्वालिफाई करने में होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार शाम चार बजे येद्दयुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। कोर्ट का यह फैसला एक तरह से कांग्रेस और जेडीएस के लिए राहत लेकर आया है और कांग्रेस ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताने में भी देर नहीं लगायी। हालांकि भाजपा की ओर से इसका विरोध करते हुए कुछ समय और मांगा गया, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए इन्कार कर दिया। भाजपा के वकील सात दिन का समय चाहते थे।
कर्नाटक विधानसभा में 222 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। यानी बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत होगी।भाजपा के 104 विधायक जीतकर आए हैं। जेडीएस के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक और 3 अन्य जीत कर आए हैं। यानी बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को अभी भी 8 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। लेकिन जेडीएस के कुमारस्वामी दो सीटों से जीतकर विधायक बने हैं। ऐसे में उन्हें एक सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा। तो फिर 221 सीट के लिहाज से भाजपा को 111 सीटों की जरूरत पड़ेगी बहुमत साबित करने के लिए।