कैराना उपचुनाव: बीजेपी की फौज पर विपक्ष की गुगली

By: Dilip Kumar
5/25/2018 11:43:33 AM
नई दिल्ली

कैराना लोकसभा उपचुनाव में हर दिन सियासी समीकरण बदल रहे हैं। सियासी गोलबंदी करने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से विपक्ष दो कदम आगे दिख रहा है। बीजेपी के नेताओं की पूरी फौज पर विपक्ष के रणनीतिकारों की एकता का दांव भारी पड़ रहा है। यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष इमरान मसूद और एसपी विधायक नाहिद हसन की नौ साल पुरानी सियासी दुश्मनी दूर कर एक मंच पर लाने और चौधरी यशपाल सिंह और मसूद परिवार की 40 सालों की अदावत को दूर कर एकजुट करना विपक्ष की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
हसन परिवार की एकता के कदम ने एक बार फिर दम भरा है।

विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम हसन के सामने ताल ठोंक रहे उनके देवर कंवर हसन ने भी चुनावी मैदान से हटकर अब अपनी भाभी का साथ देने का ऐलान कर दिया है। कंवर हसन ने आरएलडी की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है। दरअसल, बीजेपी ने कैराना में फतह के लिए पूरी फौज उतार रखी है। डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तीन दिन तक यहां डेरा डालकर रणनीति बनाते रहे और प्रदेशाध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय भी लगातार दौरा कर चुके हैं। संगठन महामंत्री सुनील बंसल पांच दिन तक एक-एक सेक्टर की मीटिंग लेकर जीत की रणनीति बताकर गए हैं।

केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के अलावा दस से ज्यादा यूपी के मंत्री, सात सांसद और 19 विधायकों के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों की एक बड़ी टीम यहां डेरा डाले हुए है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी तीन दिन में दो सभाएं कर चुके हैं। इतनी बड़ी टीम की तमाम कोशिशों पर विपक्ष की रणनीति लगाकार भारी साबित हो रही है। विपक्ष की प्रत्याशी की जितनी कमजोर कड़ियों को बीजेपी खुद के लिए मुफीद मान रही है, उन्हें गैर-बीजेपी दलों ने एक-एक कर दूर कर दिया।

गुरुवार की सुबह एक अहम घटनाक्रम में आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी चुनाव में अपनी प्रत्याशी तबस्सुम हसन के सामने ताल ठोंक रहे उनके देवर कंवर हसन के घर जा पहुंचे। कुछ ही देर की मुलाकात के बाद कंवर हसन ने चुनाव से हटने का ऐलान कर दिया और विपक्ष की एकता के लिए भाभी के साथ हो गए। इसे विपक्ष की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सियासी रणनीतिकारों की माने तो इस इस उलटफेर की पूरी रणनीति कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने बनाई थी। उन्होंने हसन परिवार को एकजुट किया।

बुधवार को इमरान मसूद और कंवर हसन का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर मेसेज चलाया गया था कि इमरान और माहिद में गिले-शिकवे दूर होने के बाद भी इमरान अभी तबस्सुम के खिलाफ हैं। अब इमरान की गुगली से बीजेपी समेत सभी चित हो गए। दरअसल, कंवर हसन को बाबू हुकुम सिंह का खास माना जाता था। हुकुम सिंह ने उन्हें नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव भी लड़ाया था।
गौरतलब है कि कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 28 मई को वोटिंग होनी है। कैराना में आरएलडी प्रत्याशी तबस्सुम और दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह (बीजेपी प्रत्याशी) के बीच सीधी टक्कर है। वहीं, नूरपुर में एसपी ने नईमुलहसन को मैदान में उतारा तो बीजेपी ने अवनी सिंह पर भरोसा जताया है।


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