छात्रों को मोदी मंत्र, लक्ष्य की तरफ अकेले ही चलते रहो

By: Dilip Kumar
5/25/2018 2:14:10 PM
नई दिल्ली

रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे पीएम मोदी ने छात्रों को सफलता का मंत्र दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को जो भी असुविधा हुई उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रांगण में मैं मंदिर में मंत्रोच्चारण करने जैसी ऊर्जा महसूस करता हूं। मैं इस विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के नाते आया हूं, मेहमान की तरह नहीं।'' पीएम मोदी ने कहा, ''मैं जब मंच की तरफ आ रहा था, तो ये सोच रहा था कि कभी इसी भूमि पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे। यहां कहीं आसपास बैठकर उन्होंने शब्दों को कागज पर उतारा होगा, कभी कोई धुन, कोई संगीन गुनगुनाया होगा, कभी महात्मा गांधी से लंबी चर्चा की होगी, कभी किसी छात्र को जीवन का मतलब समझाया होगा।'' उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।

मोदी ने बताया कि जब वो तजिकिस्तान गए थे, तो वहां गुरुदेव की एक मूर्ति का लोकार्पण करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि गुरुदेव के लिए लोगों में जो आदरभाव मैंने देखा था, वो आज भी याद है। पीएम मोदी ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एक ग्लोबल सिटीजन पहले भी थे और आज भी हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर का गुजरात से भी एक विशेष संबंध था। उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में टैगोर आज भी अध्ययन का विषय हैं।

मोदी ने कहा, ''गुरुदेव मानते थे कि हर व्यक्ति का जन्म किसी ना किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए होता है। प्रत्येक बालक अपनी लक्ष्य-प्राप्ति की दिशा में बढ़ सके, इसके लिए उसे योग्य बनाना शिक्षा का महत्वपूर्ण कार्य है। वो कहते थे कि शिक्षा केवल वही नहीं है जो विद्यालय में दी जाती है।'' उन्होंने कहा, ''गुरुदेव चाहते थे कि भारतीय छात्र बाहरी दुनिया में भी जो कुछ हो रहा है, उससे परिचित रहें। दूसरे देशों के लोग कैसे रहते हैं, उनके सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्य क्या हैं, इस बारे में जानने पर वो हमेशा जोर देते थे। लेकिन इसी के साथ वो ये भी कहते थे कि भारतीयता नहीं भूलनी चाहिए।''

पीएम मोदी ने कहा कि आज सीमाओं के दायरे में बंधे राष्ट्र एक सच्चाई हैं। शायद ही आज तक ऐसा मौका आया हो जब एक दीक्षांत समारोह में 2 देशों के प्रधानमंत्री मौजूद हों। मोदी ने कहा कि 125 करोड़ देशवासियों ने 2022 तक न्यू इंडिया बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि में शिक्षा और महान शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे संस्थानों से निकले नौजवान, देश को नई ऊर्जा देते हैं, एक नई दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव के विजन के साथ-साथ न्यू इंडिया की आवश्यकताओं के अनुसार हमारी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। इस बजट में अगले चार साल में देश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मोदी ने बताया कि शैक्षिक संस्थाओं को पर्याप्त सुविधाएं मिले, इसके लिए हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ उच्च शिक्षा अार्थिक एजेंसी शुरू की गई है। इससे प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं में उच्च क्वालिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश में मदद मिली है। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि कम उम्र में ही इनोवेशन का माइंड सेट तैयार करने की दिशा में हमने देशभर के 2400 स्कूलों को चुना है। इन स्कूलों में अटल थिंकिंग लैब के माध्यम से हम 6वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों पर फोकस कर रहे हैं। इन लैब में बच्चों को आधुनिक तकनीक से परिचित करवाया जा रहा है।

मोदी ने छात्रों को प्रेरणा देते हुए कहा कि अगर आपके साथ चलने के लिए कोई तैयार ना भी हो, तब भी अपने लक्ष्य की तरफ अकेले ही चलते रहो। मोदी ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि अगर आप एक कदम चलेंगे तो चार कदम सरकार चलेगी। जनभागीदारी के साथ बढ़ते हुए ये कदम ही हमारे देश को उस मुकाम तक लेकर जाएंगे, जिसका सपना गुरुदेव ने भी देखा था।  इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। बता दें कि पीएम केंद्रीय विश्वविद्यालय के ‘आचार्य’ या कुलाधिपति हैं।

इस दौरान गुरुवार को ही शांति निकेतन पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हेलीपैड पर पहुंच कर पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से विश्वभारती के लिए रवाना हो गए। इससे पहले वायुसेना के विशेष विमान से मोदी पानागढ़ स्थित वायुसेना एयर बेस पर उतरे जहां उनके स्वागत के लिए राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो सपरिवार, पुलिस व भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
पीएम मोदी और शेख हसीना ने रविन्द्र भवन का भी दौरा किया। वहीं, दोस्ती की नई इबारत लिखते हुए दोनों देशों के प्रधानमंत्री भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक ‘बांग्लादेश भवन’ का उद्घाटन किया।उद्घाटन के बाद अब मोदी और हसीना के बीच वहां एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे। जिसमें ममता के भी मौजूद रहने की चर्चा है। माना जा रहा है कि तीस्ता जल बंटवारे को लेकर चर्चा हो सकती है। इसके बाद हसीना कोलकाता लौट आएंगी और पीएम मोदी झारखंड के लिए रवाना हो जाएंगे।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की कर्मस्थलि शांति निकेतन में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भारत दौरे पर शुक्रवार सुबह पहुंचीं। इससे पहले शांति निकेतन पहुंचने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्ती ने पीएम मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो अपनी बेटी और पत्नी के साथ पहुंचे। इस दौरान बाबुल की बेटी को पीएम मोदी ने दुलारा भी और फूल भी दिए। वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपने विशेष विमान से पहुंचीं। यहां उनके स्वागत के लिए राज्य के मंत्री व पुलिस प्रशासन मौजूद थे। इसके बाद वह भी हेलीकॉप्टर से शांति निकेतन के लिए रवाना हो गईं।


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