सड़क के विरोध में गउशाला कमेटी का मुख्यमंत्री के नाम पर डीसी को ज्ञापन

By: Dilip Kumar
6/12/2018 6:17:47 PM
नई दिल्ली

गुरुग्राम की सुल्तानपुर गउशाला में बीच से निकाली जा रही सडक़ के विरोध में मंगलवार को गउशाला कमेटी के सदस्य एवं शहर के बुद्विजीवी लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर डीसी को ज्ञापन सौंपा। लोगों ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इस अधिग्रहण को वापस लेने व गउशाला को उजाडऩे से बचाने की मांग की है। गउशाला कमेटी के सदस्यों का कहना है कि गउशाला गुरुग्राम एक प्राचीन गउशाला है जिसका निर्माण 1906 में हुआ था।

गुरुग्राम गउशाला में गौ की संख्या अधिक होने तथा जगह की परेशानी के चलते ग्राम सुलतानपुर (फरूखनगर) में करोड़ों रुपये की लागत से वर्षों पहले गउशाला का विस्तार किया गया था जो आज भी प्रदेश की प्रमुख गउशालाओं में से एक है। इसमें आज भी लगभग 1500 से अधिक गउ की संख्या है और इसकी गउशाला कमेटी द्वारा बहुत अच्छी देख-रेख की जाती है। 2013 में नये भूमि अधिग्रहण के तहत तत्कालीन सरकार ने 31/12/2013 में गऊ शाला को भूमि अधिनियम के सैकशन 4 के नोटिस जारी किए जो कि वास्तव मे हर तरीके से गलत है व गैर कानूनी है जिस दिन ये नोटिफिकेशन हुआ उस दिन प्रदेश मे नया भुमि अधिनियम कानून लागू हो गया था।

प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत के चलते जान बूझकर इसे दिनांक 31/12/2013 में दिखाया गया ताकी इसे ठीक माना जाये। यह नोटिफिकेशन सैक्टर-1 फरूखनगर के लिए किया गया था जिसमें दिसम्बर 2014 मे सेक्शन 6 का नोटिस दिया गया था। यह पूरी तरह से गैर कानूनी था बाद मे अपनी गलती का एहसास होने पर हुड्डा विभाग ने लगभग 16 एकड़ को छोडक़र बाकी समस्त भूमि को डिनोटिफिकेशन कर अधिग्रहण से मुक्त कर दिया गया। लेकिन उसमे से सुल्तानपुर गांव कि लगभग 4 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जिस मे गऊशाला के सभी पक्के शेड व कर्मचारियों के कमरे, एक बड़ा गेट जो कि अधिग्रहण कि कारवाई से पहले बने हुए है उन को एनवायरनमेंट मे दिखाया गया है। प्रशासन गऊ शाला के भवन को तोडकर कोई सडक़ बनाने पर विचार कर रहे है। जबकि गउशाला के साथ लगी जमीन को अधिग्रहण नही किया जा रहा है।

प्रशासन गलत नीतियों के चलते इस गउशाला को तोडऩे पर उतारू है। यह किसी भी तरीके से जनहित में नहीं है। यह निर्णय सैकड़ों गउभक्त एवं गउशाला में आस्था रखने वाले लोगों की विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है। मुख्यमंत्री से मांग है कि जनहित में मामले पर संज्ञान लेते हुए गउशाला को तोडऩे से बचाए। इस दौरान गउशाला सभा के प्रधान जेलदार जगपाल कटारिया, बाबा श्यामा सिंह, हरियाणा सरकार के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत, खजान सिंह, गुडग़ांव सिटीजंस काउंसिल के प्रधान आरएस राठी, अनंतराम तंवर, महेन्द्र सिंह ठाकरान, मुकेश शर्मा, प्रदीप जेलदार, राष्ट्र दहिया, सिकन्दर सिंह कटारिया, समाज सेवी जेएस कादयान समेत सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद थे।


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