जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया

By: Dilip Kumar
6/20/2018 4:58:05 PM
नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हो गया है। भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को गवर्नर का शासन लगाने की सिफारिश भेजी थी। राज्य में पिछले 10 साल में चौथी बार राज्यपाल शासन लगा है। वोहरा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। अगले राज्यपाल के लिए सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन और दीपेंद्र हुड्डा के नाम की चर्चा है। पहले कहा जा रहा था कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने तक वोहरा राज्यपाल पद पर बने रह सकते हैं। यात्रा 28 जून से 26 अगस्त तक चलेगी।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा को राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। वे 2014 से 2016 तक सेना की उत्तरी कमान के कमांडर रहे हैं। जब 28-29 सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था तब हुड्डा ही जम्मू-कश्मीर में तैनात सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी थे। उन्होंने ही सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग और ऑपरेशन की निगरानी की थी।

 सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हसनैन कश्मीर में सेना की 15वीं कोर के कमांडर रह चुके हैं। 2010 में कश्मीर के मुश्किल हालात को वे बखूबी संभाल चुके हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल के थिंक टैंक स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन का भी हिस्सा हैं। बतौर कोर कमांडर कश्मीर पोस्टिंग के अलावा वे ब्रिगेडियर रहते हुए उड़ी स्थित सेना की 12 इंफैन्ट्री ब्रिगेड और बारामुला में 19 वे डिविजन भी कमांड कर चुके हैं। कश्मीर में सेना के मिशन सद्भावना में भी जनरल हसनैन की बड़ी भूमिका रही है। घाटी में लोगों से जुड़ने के लिए हार्ट डॉक्ट्राइन इन्हीं ने शुरू किया था। स्पोर्ट्स के जरिए युवाओं को आतंक और पत्थरबाजी से रोकने के लिए कश्मीर प्रीमियर लीग की शुरूआत भी हसनैन ने ही कराई थी।

केंद्र ने छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईएएस अफसर बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू-कश्मीर भेजा है। उन्हें राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किए जाने की संभावना है। सुब्रमण्यम अभी छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हैं। वे 2004 से 2008 तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव रह चुके हैं। 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब सुब्रमण्यम पीएमओ में थे। मार्च 2015 में उन्हें छत्तीसगढ़ भेजा गया। सुब्रमण्यम को आंतरिक सुरक्षा मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वे जम्मू-कश्मीर के मौजूदा मुख्य सचिव बीबी व्यास का स्थान ले सकते हैं। व्यास को राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया जा सकता है।

डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पर रोक लगाई गई थी। आतंकियों को इससे काफी फायदा मिला है। इस वजह से आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ, लेकिन अब यह रोक हट गई है। राज्यपाल शासन लगने से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाना काफी आसान हो जाएगा। आगे और भी मजबूत ऑपरेशन चलाए जाएंगे। राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या पर वैद ने कहा कि हमने एसआईटी का गठन किया है। पुलिस इस मामले को जल्द ही सुलझा लेगी। आर्मी के शहीद जवान औरंगजेब के बारे में उन्होंने कहा कि हत्या करने वाले आतंकियों की पहचान हो गई है। जल्द ही हम उन तक पहुंच जाएंगे।


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