खूबसूरती और अश्लीलता आंखों में होती है, यह तस्वीर अश्लील नहींः कोर्ट

By: Dilip Kumar
6/22/2018 1:26:40 PM
नई दिल्ली

इस साल मार्च में मलयायम मैगज़ीन 'गृहलक्ष्मी' के कवर पेज पर छपी एक तस्वीर को लेकर विवाद हुआ हो गया था. तस्वीर में एक मलयालम एक्ट्रेस नवजात को ब्रेस्टफीड करा रही थीं. इसके बाद केरल के कोल्लम में मुकदमा दर्ज हो गया. अब चार महीने के बाद केरल हाईकोर्ट ने केस को खारीज कर दिया है. केरल हाईकोर्ट ने दलील दी कि किसी एक आदमी की अश्लीलता, दूसरों की नजरों में अच्छाई हो सकती है. केस की सुनवाई चीफ जस्टिस एंटनी डोमिनिक और जस्टिस दमा शेशाद्री नायडू की बेंच कर रही थी. कोर्ट ने 8 मार्च को ऑब्जर्व किया कि कामसूत्र, राजा रवि वर्मा की पेंटिंग्स और अजंता की मूर्तियों ने भारतीय कला को हमेशा आकर्षित किया है.

बेंच ने ये भी कहा भारतीय मनोविज्ञान काफी परिपक्व है. हाईकोर्ट के मुताबिक, मैगज़ीन की कवर पेज पर कुछ भी ऐसा नहीं था, जो महिलाओं या पुरुषों के लिए आपत्तिजनक हो. ये फैसला गृहलक्ष्मी मैगज़ीन के लिए राहत लेकर आया है. मैगज़ीन ने महिलाओं में स्वतंत्र रूप से ब्रेस्टफीड कराने को बढ़ावा देने के लिए कैंपेन चलाया था. मैगजीन पर फोटो छपने के बाद 27 साल की मॉडल और एक्ट्रेस गिलू जोसेफ को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था.

क्या था मलयायम मैगज़ीन में?

मलयालम मॉडल और एक्ट्रेस गिलु जोसेफ की तस्वीर गृहलक्ष्मी में छपी थी. इसमें जोसेफ एक नवजात को दूध पिला रही हैं. तस्वीर के साथ ये भी लिखा था कि केरल की मांएं कह रही हैं, कृपया घूरे नहीं हमें ब्रेस्टफीड कराना है. इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील मैथ्यू विल्सन का कहना था कि ये तस्वीर कामुक प्रकृति वाली है और महिला की गरिमा को नीचा दिखाती है. तस्वीर का विरोध करने वाले कई लोगों की आपत्ति इस बात पर भी थी कि जोसेफ मंगलसूत्र और सिंदूर पहने हैं, जबकि वो एक ईसाई हैं.

 


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