कर्नाटक बजट: किसानों का लोन माफ, डीजल-पेट्रोल पर मार

By: Dilip Kumar
7/5/2018 2:35:56 PM
नई दिल्ली

कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस की सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी सौगात दी है। गठबंधन में रार के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को विधानसभा में बजट पेश किया। अपने पहले बजट में उन्होंने दो लाख तक के किसानों के ऋण को माफ करने का ऐलान किया है। बजट पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि किसानों को साल 2018-19 में लोन लेने के लिए बजट में 6500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मैंने ऋण राशि को 2 लाख रुपये तक सीमित करने का फैसला किया है। इस फसल ऋण छूट योजना के जरिए 34,000 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। पहले चरण में मैंने 31 दिसंबर 2017 तक किसानों द्वारा लिए गए सभी ऋण को माफ कर दिया है। वह किसान जिन्होंने समय से अपने लोन की किश्तों को दिया है जो नॉन डिफॉल्टर रहे हैं उनको बढ़ावा देने के लिए फिर से 25,000 तक का लोन दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि इसी राहत के बीच लोगों के लिए पेट्रोल और डीजल खरीदना अब मंहगा हो गया है। कुमारस्वामी सरकार ने पेट्रोल पर लगे टैक्स को 30 से बढ़ाकर 32 प्रतिशत और डीजल को 19 से 21 प्रतिशत कर दिया है। इसकी वजह से पेट्रोल की कीमत 1.14 प्रति लीटर और डीजल की 1.12 प्रति लीटर बढ़ जाएगी। सिद्धारमैया की सरकार की सभी योजनाएं जारी रखने का फैसला लिया गया है।

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। बंगलूरू में इंदिरा कैंटीन की लोकप्रियता को देखते हुए सभी तालुकों और जिलों में 247 इंदिरा कैंटीन को खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बजट में 211 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

इस बजट पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं खासतौर से किसानों की कर्जमाफी को लेकर क्योंकि जदएस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में इसका वादा किया था। घोषणापत्र के अनुसार मुख्यमंत्री पद संभालने के 24 घंटे के अंदर कुमारस्वामी ने किसानों के 53,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का वादा किया था। हालांकि उनका कहना था कि वह अब तक वादा इसलिए पूरा नहीं कर पाए क्योंकि उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कुमारस्वामी ने राज्य के किसानों को यह भरोसा दिया है कि वह कर्जमाफी की घोषणा करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बजट को लेकर कहा, 'कर्नाटक बजट की पूर्व संध्या पर मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी कांग्रेस-जदएस गठबंधन वाली सरकार अपने वादे को निभाते हुए किसानों के कर्ज को माफ करेगी और खेती को अधिक लाभदायक बनाएंगे। यह बजट हमारी सरकार के लिए पूरे देश के किसानों में एक उम्मीद की रोशनी बनाने का मौका है।' जहां एक तरफ बजट से बहुत ज्यादा उम्मीदे हैं वहीं कुमारस्वामी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

खासतौर से उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे सिद्धारमैया की वजह से मुश्किल हो रही है। सिद्धारमैया ने निर्णय लिया है कि पिछली कांग्रेस सरकार में घोषित हुईं कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी। बजट को लेकर काफी बातचीत हुई। सिद्धारमैया चाहते हैं कि एक फ्रेश की बजाए सप्लीमेंटरी बजट पेश किया जाए क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले मार्च में ही उन्होंने एक पूरक बजट पेश किया था।

अर्थशास्त्री डी राजशेखर के अनुसार राज्य के किसानों की कर्जमाफी एक टोकन की तरह है क्योंकि राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से किसानों का कर्ज माफ करने में सक्षम नहीं है जैसा कि जदएस ने घोषणापत्र में वादा किया है। अपने बजट में सिद्धारमैया ने 1.62 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति का अंदाजा लगाया था। चूंकि राज्य में उन्होंने 13 बजट पेश किए हैं इसलिए उन्हें राज्य के आर्थिक हालात की बेहतर जानकारी है। मुझे लगता है कि उनका अनुमान सटीक होगा। ऐसे में किसानों की कर्जमाफी के लिए 53,000 करोड़ रुपए देना राजस्व का एक-तिहाई हिस्सा होगा जोकि होना संभव नहीं है।


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