प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया से घट गए रेल यात्री

By: Dilip Kumar
7/21/2018 6:05:30 PM
नई दिल्ली

आमदनी बढ़ाने के लिए रेलवे द्वारा सितंबर 2016 से राजधानी, शताब्दी, दूरंतों एक्सप्रेस जैसे प्रीमियम ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली लागू करने से इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। यही नहीं, इस वजह से कुछ सेक्टरों में तो ट्रेन का किराया हवाई जहाज से भी ज्यादा हो गया है। इसका खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट से हुआ है, जिसे शुक्रवार को संसद के पटल पर रखा गया। इसलिए सीएजी ने इस योजना की समीक्षा या इसमें फाइन ट्यूनिंग की आवश्यकता बतायी है।

सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी हो या शताब्दी या दूरंतो एक्सप्रेस, सभी प्रीमियम ट्रेनों के सभी वातानुकूलित श्रेणी में यात्रियों की संख्या घटी है। सिर्फ वैसी दूरंतो ट्रेन, जिसमें स्लीपर क्लास के डिब्बे भी हैं, में यात्रियों की संख्या में कमी नहीं हुई है। सीएजी का कहना है कि एसी3 जैसी श्रेणी, जिसमें रेलवे को सबसे ज्यादा फायदा होता है, में भी यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू करने के बाद इन ट्रेनों में खाली रहने वाली बर्थों की संख्या 0.66 फीसदी से बढ़ कर 4.46 फीसदी तक पहुंच गई है। संख्या के हिसाब से देखें तो सीमित अवधि में फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू करने से पहले प्रीमियम ट्रेनों में जहां 24736469 यात्रियों ने बुकिंग की जबकि फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू होने के बाद यात्रियों की संख्या घट कर 24079899 रह गई। मतलब करीब सात लाख यात्रियों की कमी। नौ सितंबर 2016 से 31 जुलाई 2017 की अवधि को देखें तो इस दौरान रेलवे को यात्रियों से 552 करोड़ रुपये की आमदनी हुई लेकिन यात्रियों की संख्या में 2.65 फीसदी की गिरावट हुई।

हालांकि इस दौरान इन ट्रेनों में बर्थो या सीटों की उपलब्धता बढ़ गई थी। यह एक तरह से राष्ट्रीय संपत्ति का उचित उपयोग नहीं करना है। इसलिए रेलवे को इस योजना की समीक्षा करनी चाहिए या इसे फाइन ट्यून करना चाहिए। सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रीमियम ट्रेन वाले मार्गों पर किराया बढ़ने से उसी मार्ग पर चलने वाली मेल या एक्सप्रेस गाड़ियों में यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई। इससे पता चलता है कि महंगे किराये से परेशान यात्रियों ने ज्यादा यात्रा समय को जानते हुए भी प्रीमियम ट्रेन के बजाय मेल या एक्सप्रेस ट्रेन को तवज्जो दिया।


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