देश में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं : राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश
By: Dilip Kumar
8/14/2018 7:32:41 PM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- 15 अगस्त का दिन राष्ट्र निर्माण के संकल्पों को पूरा करने का दिन है। समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। गांधीजी ने हमें अहिंसा का अस्त्र प्रदान किया है, यह 21वीं सदी में भी उतना ही प्रासंगिक है। स्वाधीनता के लिए संघर्ष करने वाले में देश के हर वर्ग के लोग शामिल थे। देश का विकास करने और गरीबी से मुक्ति दिलाने का काम हम सबको करना है।
उन्होंने कहा, 'देश के नौजवानों ने स्वाधीनता के आंदोलन में जोश भरा था। वे आज हमारी आकाक्षांओं की बुनियाद हैं। हम युवाओं का कौशल विकास करते हैं। हमने उन्हें आईटी, खेल और कारोबार के क्षेत्र में अवसर दिए हैं। आज हम इतिहास के ऐसे मोड़ पर हैं, जो अलग है। खुले में शौच, बेघरों को घर और निर्धनता को दूर करने की ओर बढ़ रहे हैं। इनके खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम में न भटकें।''
राष्ट्रपति ने कहा, "देश में तेजी से बदलाव हो रहा है।
हम स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। भारतीय परंपरा में दरिद्र, नारायण की सेवा को सर्वोपरि माना गया है। मुझे विश्वास है कि हम इसमें योगदान देते रहेंगे। दुनियाभर में गांधी जी को आदर के साथ याद किया जाता है। उन्होंने स्वच्छता के लिए काम किया। वे गरीबों को सशक्त बनाने और अनपढ़ों को शिक्षित करने के पक्षधर रहे।'' उन्होंने कहा, "भारत और गांधीजी की सोच वसुधैब कुटुम्बकम की रही है। इसीलिए हम दुनिया की मदद के लिए हमेशा आगे रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में हमने विदेशों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला। मैंने विश्वविद्यालयों के छात्रों के आग्रह किया कि गांवों को समझने के लिए वे कम से कम 5 दिन गांवों में जरूर बिताएं। इससे उन्हें राष्ट्र निर्माण से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। भारत देश हम सबका है न कि सरकार का। हम सब मिलकर गरीबी, अशिक्षा और असमानता को दूर कर सकते हैं। सरकार तो काम कर ही रही है। लोग देश के काम को अपना काम समझे और इसमें सहयोग करें।''