भविष्य मे साधु-सन्तों का समागम दुर्लभ हो जाएगा : चेलना दीदी

By: Dilip Kumar
5/29/2018 6:23:35 PM
नई दिल्ली

गुरूग्राम@29 मई। वर्तमान समय की अति आधुनिक जीवन शैली मनुष्य को संयम और चारित्र से विमुख कर रही है। मनुष्य संयम की साधना से धबराता है। लेकिन हमें यह समझना परम आवश्यक है कि जीवन की गाड़ी में संयम रूपी ब्रेक जरूरी है। उक्त उद्गार संयमपथ पर अग्रसर बाल ब्रहमचारिणी चेलना दीदी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपना कल्याण करना है तो संयम और चारित्र का अपनाना होगा। इस अवसर पर गुरूग्राम का समस्त जैन समाज श्री दिगम्बर जैन बारादरी में एकत्र हुआ। समाज ने 18 जुलाई को होने वाले आर्यिका दीक्षा की हार्दिक मंगल अनुमोदना के लिए गोद भराई की रस्म को पूर्ण मनोयोग मे आयोजित किया।

आयोजन का मंगलाचरण वामा महिला मंडल की बहनों ने किया। कार्यक्रम के संयोजक किरण जैन, सुरेन्द्र जैन बड़जात्या ने समस्त समाज का सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई दी। उन्होनंे कार्यक्रम की सफलता का श्रेय समाज के साथ ही चेलना दीदी के पुष्य को दिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन समाज के परम सेवा भावी श्रेंयास जैन ने किया। उन्होंने दीदी के संयमपथ पर अग्रसर होने को समाज के लिए शुभ बताते हुए कहा कि दीदी के सोरभ से समाज महक उठेगा।

इस अवसर पर जैन समाज के निर्वतमान अध्यक्ष नरेश जैन, वर्तमान अध्यक्ष पुष्प चन्द जैन ने दीदी के संयमपथ की सादर अनुमोदना करी। जैन समाज जैकमपुरा गुरूग्राम के उपाध्यक्ष विपिन जैन, महासचिव गोरधन दास जैन, जैन महासभा के महासचिव देवेन्द्र कुमार जैन, दिगम्बर जैन महिला मंडल की अध्यक्ष शशी जैन, वामा महिला मंडल की नीरा जैन, अर्चना जैन इत्यादि समस्त सदस्या उपस्थित रही।


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