शाह से उद्धव की दो टूक, 152 सीटें दो तभी लड़ेंगे साथ, मुख्यमंत्री पद भी चाहिए 

By: Dilip Kumar
6/9/2018 6:20:42 PM
नई दिल्ली

बीजेपी के साथ अपने संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच शिवसेना ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए 152 सीटों पर लड़ने की बात कही है। शिवसेना चाहती है कि 288 सीटों में से वह 136 सीटें ही बीजेपी के लिए छोड़े ताकि वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सके और चीफ मिनिस्टर के पद पर अपना दावा ठोक सके।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, शिवसेना का यह कदम उद्धव ठाकरे की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह सूबे में सीएम अपनी पार्टी का चाहते हैं। हालांकि बीजेपी की योजना मातोश्री को पहली प्राथमिकता देने की नहीं है।  हालांकि 2014 के सीट शेयरिंग फॉर्म्युले पर शिवसेना 2019 के आम चुनाव में जरूर बीजेपी के साथ उतर सकती है। फिर भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा के बाद वह विधानसभा चुनाव में क्या करेगी।

विश्लेषकों की मानें तो लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत को आजमा लेने के बाद शिवसेना विधानसभा चुनाव में अकेले भी उतरने का फैसला ले सकती है। शुक्रवार को शिवसेना के एक नेता ने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत बड़ी भूल होगी। यदि बीजेपी केंद्र की सत्ता में वापस लौटती है तो फिर महाराष्ट्र में लोगों का मूड भी उसके अनुसार बदल जाएगा।

ऐसे में शिवेसना का बीजेपी से अलग होकर चुनाव में उतरना बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।' कहा जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में मातोश्री में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मीटिंग के दौरान उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को 152 सीटें देने का प्रस्ताव रखा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक शाह ने ठाकरे के इस प्रस्ताव पर कहा कि वह जल्दी ही मुलाकात करेंगे और फिर सीटों के बंटवारे को लेकर किसी फॉर्म्युले पर चर्चा होगी।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में बीजेपी शिवसेना को 130 से ज्यादा सीटें देने की पेशकश नहीं कर सकती। कहा तो यह भी जा रहा है कि अमित शाह ने बीजेपी नेताओं, सांसदों और विधायकों से कहा है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने के लिहाज से भी तैयारी रखें। इसकी वजह यह है कि बीजेपी नेतृत्व अंतिम समय में शिवेसना के साथ बातचीत बिगड़ने को लेकर भी डरा हुआ है।  शिवसेना के एक नेता ने कहा कि ठाकरे ने यह नया फॉर्म्युला महाराष्ट्र में पार्टी की ताकत को बढ़ाने के लिहाज से दिया है।

उन्होंने कहा, 'उद्धव जी ने अमित शाह से स्पष्ट कह दिया कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन में चुनाव में तभी उतरा जा सकता है, जब बीजेपी शिवसेना को 152 सीटें देने पर तैयार हो जाए।' सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच कड़वाहट पैदा होने के बाद बीजेपी और शिवसेना 2014 में अलग-अलग ही चुनाव लड़े थे और बाद में फिर गठबंधन कर सरकार का गठन किया था।

राज ठाकरे ने कार्टून के जरिए कसा तंज

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच हाल ही में हुई मुलाकात पर महाराष्ट्र नव निर्माण के मुखिया राज ठाकरे ने तंज कसा है. उन्होंने एक कार्टून के जरिए दोनों की मुलाकात का मजाक उड़ाया है. कार्टून का शीर्षक 'मीटिंग एंड मन की बात' है, जिसमें शाह और उद्धव को हाथ में चाकू के साथ एक दूसरे को गले लगाते हुए दिखाया गया है. बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अमित शाह बुधवार को मुंबई के मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे 40 मिनट तक बातचीत हुई. अमित शाह की इस मुलाकात का मकसद शिवसेना के गिले-शिकवे दूर करना था.

दरअसल, केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना पिछले कुछ समय से नाराज चल रही है. ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले उसको मनाना चाहती है, क्योंकि एकजुट विपक्ष से निपटने के लिए बीजेपी के सामने अपने सहयोगी दलों को साधने की रणनीति अपनाना जरूरी है. दोनों की बीच ये मुलाकात बेअसर रही. क्योंकि मुलाकात के एक दिन बाद ही शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हम 2019 में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे.

संजय राउत ने कहा कि हम लोग अमित शाह जी का एजेंडा जानते हैं लेकिन शिवसेना ने पहले ही प्रस्ताव पास कर लिया है. जिसमें ये तय हो गया है कि शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी. हमारे प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं होगा.


comments