'केस वापस नहीं बल्कि, पत्थरबाजों को गोली मार देनी चाहिए'

By: Dilip Kumar
6/11/2018 6:31:58 PM
नई दिल्ली

जम्मू और कश्मीर के अशांत घाटी इलाके में शांति के लिए केंद्र सरकार कई स्तर पर काम कर रही है. इसके लिए सरकार ने रमजान के महीने में सेना द्वारा की जा रही कार्रवाई पर भी रोक लगा दी गई है. पत्थरबाजों को सरकार शांति के तरीके अपना कर मुख्यधारा में लाने का काम कर रही है. लेकिन बीजेपी के एक सांसद ने विवादित बयान देकर सरकार की कोशिशों पर पानी फेरने का काम किया है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद तथा पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ने कहा है कि घाटी में पत्थरबाजों को गोली मार देनी चाहिए. पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) के पूर्व कमांडेंट ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ छद्म युद्ध शुरू कर दिया है और जम्मू औक कश्मीर में हर रोज हमारे सुरक्षा बलों पर हमले हो रहे हैं.

पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ केस वापस लेने के जम्मू और कश्मीर सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर वत्स ने कहा, ‘मेरी राय है कि पत्थरबाजों को गोली मार देनी चाहिए.’  सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल वत्स ने भिवानी में रविवार को एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से कहा कि भारत के साथ युद्धों में कई बार मात खाने के बाद भी पाकिस्तान ने सबक नहीं लिया है और अब वह छद्म युद्ध कर रहा है.  मीडिया ने जब वत्स से पूछा कि क्या वह अपने बयान पर कायम हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं एक सैन्य अधिकारी हूं, सेना काफी लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा शुरू किया गया छद्म युद्ध लड़ रही है. कश्मीर में छद्म युद्ध लड़ रहे मेरे जवान मुझसे क्या उम्मीद करते हैं? एक सैन्य अधिकारी के तौर पर मैं अपनी कही हुई बात पर कायम हूं.’

उन्होंने कहा, ‘सैनिकों को अपने अधिकारियों से क्या अपेक्षा रखनी चाहिए. हम उनका मनोबल नहीं गिरने दे सकते. उन पर पत्थरों से हमले नहीं किए जा सकते.’ हिसार के रहने वाले वत्स (69) को हाल में राज्यसभा के लिए चुना गया है. वह पुणे स्थित एएफएमसी के निदेशक और कमांडेंट रहे हैं. मई, 2011 और अप्रैल, 2012 के बीच उन्होंने हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं.

एक तरफ सरकार ने रमजान के महीने में सेना की कार्रवाई पर रोक लगाई हुई है, वहीं घाटी में सेना पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. बीते 1 जून को सीआरपीएफ पर पथराव के दौरान सेना की गाड़ी के नीचे आकर दो युवक घायल हो गए थे, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई थी.  इसके बाद सेना पर लगातार पत्थरबाजी और ग्रेनेड से हमलों की घटनाएं हो रही हैं. इन घटनाओं में कई जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं.


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