दिवाली से पहले मार्केट में लांच होगी नई सेंट्रो

By: Dilip Kumar
10/9/2018 4:42:23 PM
नई दिल्ली

दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी हुंदै ने अपनी लोकप्रिय हैचबैक कार सैंट्रो को इसी महीने नए अवतार में उतारने की घोषणा की है. कंपनी ने दिसंबर, 2014 में अपने पुराने सैंट्रो मॉडल को बंद कर दिया था. हुंदै ने अपनी नई सैंट्रो में 10 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश किया है. पिछले तीन साल के दौरान इसे कोड नाम एएच2 के तहत विकसित किया गया है.

नई कार में चार सिलेंडर वाला 1.1 लीटर का पेट्रोल इंजन लगा है. यह आटोमैटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) तथा फैक्टरी फिटेड सीएनजी ईंधन विकल्प में उपलब्ध होगी. कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी हुंदै मोटर इंडिया (एचएमआईएल) के जरिये परिचालन करती है. एचएमआईएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वाई के कू ने कहा कि आनलाइन सर्वे में हमें काफी शानदार प्रतिक्रिया मिली है जिसके बाद हमने ‘नई परिवारिक कार’ को सैंट्रो का नाम देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि एएच2 में ‘आधुनिक टॉल बॉय कार’ के रूप में सैंट्रो सैंट्रो के सारे मूल्य समाए हैं.

कंपनी अपनी नई सैंट्रो की आनलाइन प्री-बुकिंग 10-22 अक्टूबर से शुरू करेगी. पहले 50,000 ग्राहकों से 11,100 रुपये की बुकिंग राशि ली जाएगी. कू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम नई सैंट्रो का नई दिल्ली में 23 अक्टूबर को वैश्विक प्रीमियर करेंगे.’’ नई कार की बिक्री के बारे में पूछे जाने पर कू ने कहा कि हम घरेलू बाजार में हर महीने 8,000 से 10,000 इकाइयों की बिक्री कर रहे हैं.

नई सैंट्रो मध्यम कॉम्पैक्ट खंड में मारुति सुजुकी की वैगन आर, सेलेरियो और टाटा मोटर्स की टियागो से प्रतिस्पर्धा करेगी. उन्होंने कहा कि नई सैंट्रो के साथ हम इस खंड में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई सैंट्रो के जरिये हम पहली बार के खरीदारों को लक्ष्य कर रहे हैं विशेषरूप से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में. इसके अलावा महानगरों से इसकी खरीद में अतिरिक्त योगदान मिलेगा.

कू ने कहा कि इस कार का निर्यात अगले साल फरवरी से शुरू होगा. कंपनी सालाना 20,000 से 30,000 इकाइयों के निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य लातिनी अमेरिका, पश्चिम एशिया और दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार हैं जहां पुरानी सैंट्रो काफी लोकप्रिय थी.


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