परिवारी पार्टियों में राजनीतिक घमासान

By: Dilip Kumar
10/12/2018 10:11:47 PM
नई दिल्ली

यूपी से लेकर हरियाणा या बिहार हर राजनीतिक परिवार में घमासान जारी है। इससे राजनीतिक पंडितों के बीच एक नई बहस शुरू हो गई है। अभी हाल ही में हरियाणा से खबर आई कि चौटाला परिवार में चाचा-भतीजा के बीच शक्ति को लेकर घमासान शुरू हो गया है तो उत्तर प्रदेश के एक पुराने चाचा-भतीजा के बीच की लड़ाई याद आ गई। आखिर मतदाताओं के बीच पारिवारिक साख की मर्यादा टूटने लगी है। लोग सत्ता के लिए अब खुलकर अपने हक की लड़ाई लडऩे को बेचैन दिखने लगे हैं। उसपर तुर्रा यह है कि विपक्षी पार्टियां ऐसे मौकों को भुनाने में चूक नहीं रही हैं।

एक ऐसी खबर उत्तर प्रदेश से आई कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम के छोटे भाई शिवपाल पर डोरे डाल रहे हैं। यूपी सरकार ने मायावती द्वारा खाली किए गए बंगले को शिवपाल को अलॉट कर दिया है। बिहार में अंदरखाने चल रही दो भाइयों में सत्ता संघर्ष को बहन मीसा मीडिया में ले आई और यह लड़ाई त्रिकोणिय हो गई। आइये सत्ता को लेकर किस-किस परिवार में घमासान आजकल सुर्खियां बन रही है।

लालू परिवार में त्रिकोणीय लड़ाई

सबसे पहले राजनीति की धरती बिहार से बात की शुरूआत करते हैं। लगातार सत्ता से बाहर लालू यादव या राजद को संजीवनी पिछले विधानसभा चुनाव में मिली जब महागठबंधन ने जीत दर्ज की और लालू के छोटे बेटे यानी तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री और बड़े बेटे को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। यहीं से दोनों भाइयों में अनबन की शुरूआत हो गई। इसी बीच सरकार गिर गई और बात खुलकर सामने आने लगी लेकिन लालू के परिवार में रहते दोनों भाइयों के बीच मिलाजुलाकर बातचीत ठीकठाक रही लेकिन लालू के जेल जाते ही अनबन में बढ़ोत्तरी हुई।

खुले मंच पर दोनों भाइयों के एक दूसरे को कृष्ण-बलराम के रुप में पेश करते रहें। कभी अर्जुन-कृष्ण की दुहाई देते रहे। लेकिन अफसोस यह बात दबती उससे पहले ही लालू की बड़ी बेटी की भी महत्वाकांक्षा खुलकर सामने आ गई और उसने मीडिया के सामने दोनों भाइयों के बीच अनबन की बात स्वीकार कर ली। विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है ऐसे में अभी घमासान के और बढऩे की संभावना है।

चौटाला परिवार में उठापटक

बात शुरू करते हैं चौटाला परिवार से। पैरोल पर आए इनेलो मुखिया ओपी चौटाला ने 7 अक्टूबर को गोहाना में अपने पिता देवीलाल के सम्मान में रैली की जिसमें उनके बेटे अभय चौटाला की हूटिंग की गई। इससे नाराज चौटाला ने जेल में बंद दूसरे बेटे अजय चौटाला के सांसद बेटे दुष्यंत चौटाला और उनके भाई दिग्विजय चौटाला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बता दें कि ओपी चौटाला और अजय चौटाला जेबीटी टीचर घोटाले में सजायाफ्ता हैं। चौटाला परिवार में एक ऐसे समय में सियासी घमासान छिड़ा है जब वह राज्य की सत्ता से 14 साल का वनवास खत्म करने की तैयारी में जुटी है।

बसपा प्रमुख मायावती से समझौते से पार्टी में उत्साह का संचार हुआ था लेकिन परिवार में शुरू हुई खटपट ने इसमें पलीता लगा दिया है। कहना गलत न होगा कि यह जंग यहीं खत्म होने वाली नहीं है। पार्टी में दोफाड़ का खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह है ओपी चौटाला का अभय चौटाला की ओर झुकाव। पार्टी में उनकी बढ़ती अहमियत को अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय पचा नहीं पा रहे हैं। जबकि पार्टी में खासकर युवाओं में दुष्यंत और दिग्विजय की बढ़ती लोकप्रियता को अभय चौटाला गले से नीचे नहीं उतार पा रहे हैं।

सपा भी अब नहीं रहा परिवार

उत्तर प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी परिवार में शुरू हुआ सत्ता संघर्ष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हालांकि सपा पूरी तरह से मुलायम सिंह यादव के बेटे और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कब्जे में है लेकिन उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने अलग पार्टी बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली है। हाल में मुलायम सिंह ने शिवपाल के पक्ष में खड़े होने का बयान देकर इस सियासी जंग के जारी रहने का संकेत दे दिया। इस परिवार में मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता की बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव की राजनीतिक महात्वाकांक्षा भी किसी से छुपी नहीं है।

शिवपाल-अखिलेश की लड़ाई

सपा को खड़ा करने में शिवपाल सिंह का योगदान किसी भी मामले में मुलायम सिंह यादव से कम नहीं है। यह बात मुलायम से बेहतर कौन जान सकता है। इसी बुनियाद पर शिवपाल खुद को मुलायम के बाद पार्टी का उत्तराधिकारी मानते थे। लेकिन पुत्रमोह के वश में मुलायम ने बेटे अखिलेश को सत्ता सौंप दी। संतुलन के लिए शिवपाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। यह अखिलेश को कतई नागवार लगा क्योंकि वे एकछत्र राज चाहते थे। अब हालत यह है कि शिवपाल भले की खुद कोई सीट न जीत पाएं लेकिन कई सीटों पर सपा की खाट खड़ी कर सकते हैं। एक ऐसी खबर उत्तर प्रदेश से आई कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम के छोटे भाई शिवपाल पर डोरे डाल रहे हैं। यूपी सरकार ने मायावती द्वारा खाली किए गए बंगले को शिवपाल को अलॉट कर दिया है।


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