'सेना समर्थित हैं इमरान, भारत के प्रति पाक के रुख में कोई बदलाव नहीं'

By: Dilip Kumar
9/18/2018 1:27:12 AM
नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान सेना द्वारा आगे बढ़ाये गये हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि भारत के प्रति पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव हुआ है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मुद्दे पर समान विचार व्यक्त किया और कहा कि इमरान खान सरकार में भारत के प्रति पाकिस्तान के नजरिये में कोई बदलाव नहीं दिखता.

सिंह ने हालांकि उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान अपनी मानसिकता बदलेगा और इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं. इमरान खान का नाम लिए बिना वीके सिंह ने कहा कि यह देखना अभी बाकी है कि क्या वह बदलाव ला पायेंगे. विदेश राज्य मंत्री सिंह ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान में नयी सरकार के गठन के बाद भारत ‘देखो और प्रतीक्षा करो' की नीति अपना रहा है.

पाकिस्तान में नयी सरकार बनने के बाद सीमा पर घुसपैठ की घटनाओं के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, क्या आपको बदलाव की उम्मीद थी? मुझे नहीं पता. आखिरकार, सेना ने उस व्यक्ति का समर्थन किया है. सेना का अब भी शासन है. इसलिए, हम प्रतीक्षा करें और देखें कि हालात क्या रूप लेते हैं-वह व्यक्ति सेना के नियंत्रण में रहता है या उसके नियंत्रण में नहीं रहता है.'

सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ वार्ता तभी हो सकती है जब इसके लिए माहौल अनुकूल हो. वह फिक्की द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन ‘स्मार्ट सीमा प्रबंधन' के उद्घाटन से इतर बोल रहे थे. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या भारत के साथ बातचीत के लिए पाकिस्तान की ओर से कोई प्रयास किये गये हैं, सिंह ने कहा, ‘भारत की नीति एकदम स्पष्ट है. बातचीत तब ही हो सकती है जब माहौल अनुकूल हो.'

राजनाथ सिंह अत्याधुनिक व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) के तहत दो प्रायोगिक परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए जम्मू में थे. उन्होंने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान की मानसिकता में बदलाव होगा और वह आतंकवाद का समर्थन बंद करेगा, क्योंकि भारत अपने पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध चाहता है. सरकार बदलने के बाद भी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का समर्थन जारी रखे जाने के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान की अपनी मानसिकता है और हम उसकी प्रकृति को नहीं बदल सकते हैं. उन्होंने कहा, उन्हें (पाकिस्तान) खुद ही करना (आतंकवाद का समर्थन बंद करना) है. उन्हें समझना होगा कि पड़ोसियों के साथ कैसे आचरण किया जाता है.

भारत ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को ध्यान में रखते हुए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, बेहतर संबंधों के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान का दौरा किया, लेकिन अगर वे यह समझने में नाकाम रहे तो कोई क्या कर सकता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के बाद उनकी मानसिकता बदलेगी, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं है. उन्होंने हालांकि कहा, मैं वहां बदलाव के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. यह अच्छा रहेगा.


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