गुरुग्राम के भरत की कला का दूसरी बार राष्ट्रीय स्तर पर चयन

By: Dilip Kumar
9/21/2018 8:42:52 PM
नई दिल्ली

गुरुग्राम के हेलीमंडी निवासी भरत की कला का राष्ट्रीय स्तर पर डंका बज रहा है। दूसरी बार भरत की कलाकृति का चयन राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के लिए हुआ है। इससे न केवल गुरुग्राम के कला प्रेमियों बल्कि उनके करीबियों में भी खुशी की लहर है। यह कला प्रदर्शनी अमृतसर में 84वीं अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी के नाम से होगी। इससे छात्र भरत के हौंसले भी बुलंद हैं।

मूलरूप से हेलीमंडी के रहने वाले गुरुग्राम के वरिष्ठ पत्रकार फतह सिंह उजाला के बेटे भरत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कला संकाय में स्नातक कर रहे हैं। वह बीएफए अंतिम वर्ष में पढ़ रहे हैं। पढ़ाई के दौरान ही उनकी कलाकृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना छोटी बात नहीं है। कलाकार तो उम्र भर अपनी कलाकृतियों को लेकर तैयारी करते हैं, फिर भी उनको वह मुकाम हासिल नहीं हो पाता, जो होना चाहिए। जबकि छात्र भरत को पढ़ाई के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कलाकृति के माध्यम से पहचान मिली है।

उसकी कलाकृति काचयन 84वीं अखिल भारतीय एक्जीबिशन ऑफ आर्ट-2018 के लिए हुआ है, जो कि अमृतसर में इंडियन अकेडमी ऑफ फाइन आर्ट में आयोजित होगी। इसके लिए देश भर से विभिन्न यूनिवर्सिटी व आर्ट कालेज सहित शिक्षण संस्थान के छात्रों के द्वारा विभिन्न श्रेणी में अपनी बनाई आर्टध्पेंटिंग भेजी गई, जिनमें से चयन मंडल ने श्रेष्ठ और संदेशपरक का ही चयन किया। एक इचिंग आर्ट (ग्राफिक कला) छात्र भरत द्वारा बनाई गई, जिसका हिंदी में नाम श्मौत के बाद की लालसा्य है। अंग्रजी में इसका टाइटल श्दि लोगिंग आफ्टर ओबलाइट्रेशन्य है। देश के युवा और समकालीन आर्ट बनाने सहित इनमें समाहित संदेश को लेकर आर्ट प्रेमियों में एक्जीबिशन ऑफ आर्ट के लिए अभी से जबरदस्त उत्साह बना है, वहीं प्रतिभागी भी रोमांचित हैं।

डाक्यूमेंट्री को मिला प्रथम स्थान

इससे पहले द्वितीय वर्ष में टीम वर्क के तौर पर भरत और उसके सहपाठी विपुल के द्वारा दो मिनट की बनाई गई एक लघु फिल्म (डाक्यूमेंट्री) को यूनिवर्सिटी स्तर पर पहला पुरस्कार प्रदान किया गया था। वर्ष 2017 में छात्र भरत के द्वारा बनाई गई इचिंग आर्ट का 11वीं अखिल भारतीय समकालीन कला प्रदर्शनी उत्तराखंड के हरिद्वार में रानीपुर स्थित डीपीएस स्कूल में एक्जीबिशन के लिए चयन हो चुका है। भरत के मुताबिक इस श्दि लोगिंग आफ्टर ओबलाइट्रेशन्य को बनाने में केवल नई और कई प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कि इचिंग आर्ट कहा जाता है।

फोटो कैप्शनः कला संकाय के छात्र भरत द्वारा बनाई गई कलाकृति, इनसेट में भरत।


comments