ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश AIMPLB को नामंजूर

By: Dilip Kumar
9/27/2018 1:11:17 PM
नई दिल्ली

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि ट्रिपल तलाक पर अध्यादेश हमें मंजूर नहीं है. हैदराबाद में प्रेस कॉफ्रेस करते हुए बोर्ड ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर चोर दरवाजे से अध्यादेश है और न ही इस अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं को लाभ होगा. AIMPLB का मानना है कि केंद्र सरकार धार्मिक भेदभाव कर रही है. इसलिए अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती देने की जरूरत है.

हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रेस कॉफ्रेस में ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी ने कहा कानून बनाने से समाज की बुराइयों का खातमा नहीं हो सकता. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि ये बता दीजिए कि तीन तलाक से शादी नहीं टूटेगी तो किस बुनियाद से केस करेंगे. भत्ता तो तलाक के बाद मिलता है, जेल में बैठकर कौन भत्ते देगा. उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी कॉन्ट्रैक्ट है, इसलिए इस अध्यादेश से नुकसान सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को ही होगा.

बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चौकसी, नीरव मोदी, पेट्रोल जैसे मुद्दों को छुपाने के लिए सरकार ट्रिपल तलाक-ट्रिपल तलाक चिल्ला रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी तीन तलाक को अनकॉस्टियूशनल करार नहीं दिया है. मोदी सरकार का मकसद मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाना नहीं, बल्कि अपनी कमियों से सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाना है. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की ये टेक्नीक है ध्यान भटकाओं और राज करो.

आपको बता दें कि तीन तलाक पर लाए गए अध्यादेश को 19 सितंबर को देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. केंद्र सरकार के पास अब इस बिल को 6 महीने में पास कराना होगा. 19 सितंबर को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी. यह अध्यादेश अब 6 महीने तक लागू रहेगा. इससे पहले लोकसभा से पारित होने के बाद ये बिल राज्यसभा में अटक गया था. कांग्रेस ने संसद में कहा था कि इस बिल के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया जाना चाहिए.


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