जनाक्रोश रैली में नेता जी का आना या ना आना अब कोई मुद्दा नहीं : शिवपाल सिंह यादव

By: Dilip Kumar
12/8/2018 5:16:31 PM
लखनऊ

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करने वाले शिवपाल सिंह यादव रविवार को लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में जनाक्रोश रैली में अपना ताकत का प्रदर्शन करेंगे। शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि इस रैली में दो-तीन लाख लोग एकत्र होंगे। इन दो-तीन लाख में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव नहीं होंगे।

शिवपाल सिंह यादव ने 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर इटावा के सैफई में बड़ा कार्यक्रम रखा था। इसमें मुलायम सिंह यादव नहीं पहुंचे थे। इसके बाद से ही शिवपाल सिंह यादव तथा मुलायम सिंह यादव में कुछ तल्खी बढऩे लगी थी। इसी बीच कल फीरोजाबाद में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव तथा रामगोपाल यादव के साथ मंच साझा किया। जनसभा को संबोधित करने के बाद ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा था। शिवपाल सिंह यादव ने इसके बाद से अपनी अलग तैयारी शुरू की दी।

मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के भ्रात प्रेम के बीच में अब सियासत खड़ी हो गई है। दोनों भाईयों के बीच दरार पड़ती नजर आ रही हैं। बीते कुछ दिनों से हालात जिस तरह के पैदा हो रहे हैं ऐसे में इस प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं। शिवपाल अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की जनाक्रोश रैली कल लखनऊ में कर रहे हैं। रैली में शिवपाल सिंह यादव सभी को निमंत्रण दे रहे हैं लेकिन अपने भाई मुलायम सिंह यादव को बुलावा नहीं भेजा। शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव को इस रैली का निमंत्रण ही नहीं दिया है। अब पार्टी का कहना है मुलायम सिंह यादव मुखिया हैं, वो चाहे तो आ सकते हैं लेकिन बुलावा नहीं भेजा गया है।

मुलायम सिंह यादव के रैली में शामिल होने के लेकर जब सवाल किया गया तब शिवपाल यादव ने दो टूक में कहा कि नेता जी का आना या ना आना अब कोई मुद्दा नहीं है। अब शिवपाल के इस जवाब ने सभी को चौंका दिया है क्योंकि अभी तक शिवपाल हर मंच से कहते रहते हैं कि नेता जी मेरे साथ हैं और देखा भी यही गया है। शिवपाल सिंह के साथ कई कार्यक्रमों में मुलायम सिंह यादव मंच साझा कर चुके हैं। अब ऐसे में शिवपाल यादव का मुलायम सिंह यादव को लेकर दो टूक कहना लोगों को खटक रहा है। उनके इस जबाव के लोग यही मायने निकाल रहे हैं कि शायद शिवपाल के लिए नेता जी का आना, न आना अब कोई महत्व नही रखता।


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