संचार उपग्रह GSAT-7A लॉन्‍च, भारतीय वायुसेना को मिलेगी 'नई ताकत'

By: Dilip Kumar
12/19/2018 4:21:40 PM
नई दिल्ली

भारत के भूस्थैतिक संचार उपग्रह जीसैट-7ए का आज श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ11 के जरिये प्रक्षेपण किया जाएगा. शाम चार बजकर 10 मिनट पर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट के दूसरे लांच पैड से इसे प्रक्षेपित किया जाएगा. जीसैट-7ए उपग्रह 2,250 किलोग्राम वजनी है. यह भारतीय क्षेत्र में कू बैंड में वायुसेना को संचार क्षमता प्रदान करेगा. संचार सेवा के उपग्रह के प्रक्षेपण से वायुसेना की नेटवर्किंग क्षमता मजबूत होगी. इसरो ने कहा कि जीसैट-7ए का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है और इसका जीवन आठ वर्ष है. यह भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के उपयोगकर्ताओं को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा.

जीसैट-7 ए भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को समर्पित है जो वायु शक्ति को अधिक मजबूती देगा और वायुसेवा को अतिरिक्त सामरिक संचार क्षमताएं प्रदान करेगा. इस संंचार तकनीक के जरिए विमानों की संचार क्षमताओं में वृद्धि संभव हो सकेगी. श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर में जीएसएलवी-एफ 11 के जरिये संचार उपग्रह जीसैट-7ए को प्रक्षेपित करने के लिए 26 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार दोपहर दो बजकर 10 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर शुरू हुई थी.

इसके प्रक्षेपण का समय बुधवार शाम चार बजकर 10 मिनट निर्धारित है.’’ जीएसएलवी एफ-11 जीसैट-7ए को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर आर्बिट (जीटीओ) में छोड़ेगा और उसे आनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए अंतिम भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जीएसएलवी-एफ11 इसरो की चौथी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है.


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