बीसीसीएल प्रबंधन ने रैयतो के घर पर चलाया बुलडोजर

By: Dilip Kumar
11/20/2018 2:13:34 PM
नई दिल्ली

धनबाद@शंकर साव। बीसीसीएल की महत्वाकांक्षी परियोजना ब्लॉक दो ओसीपी विस्तारीकरण करने को लेकर ब्लॉक टू प्रबंधन कार्यपालक दंडाधिकारी की मौजूदगी में तीन रैयतो के घरों पर बुलडोजर चलाकर जबरन घर खाली करवाया। रैयत मदन पाण्डेय, स्व. मुकुंद पाण्डेय एंव स्व. राम किशन पाण्डेय के आश्रित दो दिन का मोहलत मांगते रह गये, लेकिन एसडीएम द्धारा प्रतिनियुक्त कार्यपालक दंडाधिकारी मो.हजफर हसनैन एक नहीं सुनी।

इसके बाद रैयत विरोध पर उतर आये। पुलिस बल पर पथराव भी किया। इसके बाद भी बुलडोजर नहीं रूका तो घर पर मौजूद दस सदस्यों ने घर के अंदर घुंस कर अपने को बंद कर लिया। और किरासन तेल छिडक कर घर में आग लगा दिया। किरासन तेल का छिंटा बाघमारा थाना के दो जमादार व महिला पुलिस को भी पडा। इसके बाद पुलिस व सीआइएसएफ के जवान रेस हो गये। मजिस्ट्रेट का आदेश मिलते ही सिपाही दरवाजा तोड़ कर घर के अंदर घुसे और सभी सदस्य को जमकर पीटा। पुलिस द्धारा सभी सदस्यों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस व प्रबंधन द्धारा घर का सारा समान को बाहर निकाल कर रख दिया गया। इसके बाद भारी पुलिस बल के मौजूदगी में घर पर बुलडोजर चलकर तोड़ दिया गया। घर टूटने पर महिला सरोज पाण्डेय, स्नेहा पाण्डेय दहाड मार कर रोने लगी।

रैयतो को नही मिला नोटिस

रैयतों का कहना है कि प्रबंधन या प्रशासन द्धारा घर खाली करने के लिए नोटिस तक नहीं दिया गया। जबकि कार्यपालक दंडाधिकारी मो.हजफर एंव जीएम बीके सिन्हा का कहना है कि कोर्ट के आदेशानुसार रैयतो को कई बार घर खाली करने का नोटिश दिया जा चुका है। लेकिन घर खाली करने की जिद पर अडे हुए थे। अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए घर खाली कराया गया। छह घंटे तक चले ऑपरेशन के दौरान जीएम बीके सिन्हा थाना प्रभारी श्रीकांत झा के अलावा भारी संख्या में सीआइएसएफ जवान व पुलिस बल मौजूद थे।

जमीन के बदले नहीं मिला नियोजन

रैयत मदन पाण्डेय, रवि पाण्डेय, घोनू पाण्डेय, जय प्रकाश पाण्डेय, राजेश पाण्डेय व विकास पाण्डेय का कहना है कि प्रबंधन द्धारा 10 एकड जमीन जबरन अधिग्रहण कर लिया गया। इसके एवज प्रबंधन द्धारा नियोजन व मुआवजा नहीं दिया गया। मामला हाई कोर्ट में वर्षां तक चला। न्यायलय के फैसले के बाद प्रबंधन द्धारा बाघमारा के बकसपुरा में घर बनाने के लिए जीमन उपलब्ध करायी। लेकिन घर बनाने को पैसा भुगतान नहीं करने से घर नहीं बन पाया। नियोजन की मांग पर प्रबंधन द्धारा 25 साल से झुठा आश्वासन देते आ रहे है। प्रबंधन द्धारा खेती करने लायक जमीन तक नहीं छोडा। प्रबंधन द्धारा आज जबरन घर तोड दिया गया अब रहने के लिए कोई जगह नहीं बची है।

दो नियोजन देने पर प्रबंधन सहमत

जीएम बीके सिन्हा ने कहा कि रैयत जिस जमीन को अपना बता रहे है वो जमीन बीसीसीएल की है। 30 साल पहले भु-अर्जन द्धारा अधिग्रहण कराया गया है। रैयत हाई कोर्ट में केस हार चुके हैं। उच्च न्यायलय में भी फैसला बीसीसीएल के पक्ष में आया है। कोर्ट के आदेशानुसार घर खाली करने के बाद रैयतो को दो आश्रितों को नियोजन व मुआवजा तथा घर बनाने की जमीन देने का आदेश मिला है। प्रबंधन दो नियोजन देने को तैयार है, लेकिन रैयत पाण्डेय बंधू दो की जगह छह नौकरी की मांग कर रहे है। इसके कारण अभी तक नियोजन नहीं मिला।

घर उजडने का दर्द जिला प्रशासन क्या जाने 

घर उजडने के बाद तीन रैयतो के परिवार पेड के निचे शरण लिये हुए है. चूडा गुड खा कर ही दिन काट रहे है। रात को ठंड से ठिठूर रहे है. लेकिन अभी तक प्रबंधन द्धारा दूसरे जगह पर बसाने के लिए किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। प्रशासनिक अघिकारी भी अभी तक झांकने नहीं पहुंचे। ठंड से 50 वर्षीय महिला सरोज पाण्डेय की सेहत बिगड गयी है। वो यहीं मरने की जिद्द पर अडी हुई है। उनका कहना है कि घर का सारा सामान के साथ कुल देवी देवता भी जमीनदोंज हो गया है। हम उसे छोड़कर कहीं नहीं जा सकते है. घर के अन्य सदस्य भी घर उजडने की दर्द बयान कर रो रहे है।

प्रबंधन ने शुरू किया उत्खनन

पाण्डेय बंधु का घर खाली होने के बाद प्रबंधन द्धारा पीट ऑफिस के बगल में स्थित गांधी चाय दुकान को खाली करा दिया. इसके बाद प्रबंधन द्धारा आज से विधिवत उत्खनन शुरू की. प्रोजेक्ट ऑफिसर मिलन साहा ने बताया कि यहां बडे़ पैमाने पर कोयले का उत्खनन करने की मास्टर प्लान तैयार है।

आरटीआई से जबाब मांगना पडा मंहगा

रैयत मदन पाण्डेय के पुत्र घोनू पाण्डेय को प्रबंधन से आरटीआई के तहत जबाब मांगना मंहगा पड गया। घोनू का कहना है कि है कि वर्ष 1997 मे नदखुरकी बस्ती टू को खाली करने के दौरान 62 नौकरी का पैकेज बना था। जिसमें किस रैयत को कितना नियोजन मिला। इसका जबाब आरटीआई के तहत मंगा गया था। जिसका सही जबाब प्रबंधन द्धारा नहीं दे पाया। प्रबंधन अपनी गर्दन फंसते देख उल्टे हमलोगो का घर बिना किसी सूचना के ही घर उजाडने का काम किया।


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