'केवल राजनीतिक फायदे के लिए भारत माता की जय बोलते हैं कुछ लोग'

By: Dilip Kumar
11/24/2018 10:03:18 PM
नई दिल्ली

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग केवल राजनीतिक फायदे के लिए भारत माता की जय बोलते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा पर हमला करते हुए गहलोत ने यह भी जोड़ा कि पार्टी ने राम मंदिर मुद्दे का जैसे चुनावों में इस्तेमाल किया है, उसके लिए तो भगवान राम भी उसे माफ नहीं करेंगे.

गहलोत ने वसुंधरा राजे सरकार को शराब, भूमि एवं बजरी माफिया को संरक्षण देने वाली सरकार करार दिया और कहा कि उसके ‘कुशासन’ से आजिज आई जनता सात दिसंबर को मतदान के दिन उसे जवाब देगी. गहलोत ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस के पक्ष में जबरदस्त उत्साह है और पार्टी जोर शोर से सत्ता में आ रही है.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री राजे सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बीकानेर में कांग्रेस के एक नेता द्वारा कथित तौर पर सोनिया गांधी के जयकारे लगवाए जाने की एक घटना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रखा है. वे विपक्षी दल पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं. इस पर गहलोत ने कहा,‘ किस हिंदुस्तानी को भारत माता की जय बोलने में संकोच होगा। लेकिन कई लोग राजनीतिक फायदे के लिए बोलते हैं कुछ दिल से बोलते हैं. वसुंधरा राजे उस जमात से संबंध रखती हैं जो राम का नाम लेती है तो (किंतु)चुनाव के लिए लेती है. चुनाव आते ही इनको राम याद आता है. इनको राम मिल भी गए तो वे इन्हें माफ नहीं करेंगे. इनको सजा वहीं देंगे.’

गहलोत ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे सरकार में जमीन, शराब व बजरी माफिया पनपा और इसमें हुए भ्रष्टाचार का पैसा ‘ऊपर तक पहुंचा.’ उन्होंने कहा, ‘राजे अपनी पार्टी के अध्यक्ष के सामने झुककर प्रणाम कर रही हैं लेकिन वे पांच साल में कभी जनता से तो नहीं मिलीं. शाह के सामने झुककर प्रणाम करने से अच्छा होता अगर वह राजस्थान की जनता की परवाह करती जिसने 2013 में उन्हें इतना प्रचंड बहुमत दिया था.’

उन्होंने दावा किया कि लोगों में राजे सरकार को लेकर बहुत गुस्सा है और वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामकाज को याद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर रहा और मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को प्रश्रय दिया. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार के शासन में, मनरेगा में 25 लाख लोग काम करते थे लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 2.5 लाख रह गयी है.’


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