डीएमआरसी लगा रही बूस्टर ताकि मेट्रो में न कटे मोबाइल सिग्नल

By: Dilip Kumar
1/6/2019 5:45:01 PM
नई दिल्ली

दिल्ली मेट्रो में सफर के दौरान मोबाइल सिग्नल का न मिलना अब पुरानी बात होने जा रही है क्योंकि डीएमआरसी की इस समस्या को फरवरी के अंत तक खत्म करने की योजना है। सिग्नल दुरुस्त करने और अंडरग्राउंड स्टेशनों में बूस्टर लगाने के लिए डीएमआरसी ने रात के नॉन-ऑपरेशनल घंटों में 300 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया है। ये स्टेशन विशेषकर पिंक और मजेंटा लाइनों पर हैं जहां सबसे अधिक दिक्कत है। डीएमआरसी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने कहा, 'पिंक और मजेंटा लाइन पर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का काम प्रगति पर है। काम अगले महीने पूरा होगा।'

मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा कि समस्या सिर्फ इन लाइनों के अंडरग्राउंड स्टेशनों में हैं, जबकि बाहरी स्टेशनों में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। पिंक लाइन के पूरी तरह से अंडरग्राउंड भीकाजी कामा-हजरत निजामुद्दीन स्ट्रैच पर काम चल रहा है, जबकि मजेंटा लाइन में समस्याग्रस्त स्ट्रेच कालकाजी मंदिर और जनकपुरी पश्चिम के बीच है। ऐसी समस्या ब्लू, येलो और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में भी पाई गई है, जिसके बाद टेलिकॉप रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) को सर्वे कराने कहा गया है।

एक प्रवक्ता ने बताया, 'सर्वे के आधार पर कुछ कमजोर पॉइंट चिह्नित किए गए हैं और सिग्नल बूस्टर भी लगाए गए हैं। हमने मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को सुलझाने के लिए समान तकनीक आईटीओ स्टेशन सहित वायलट लाइन के अन्य खंडों पर भी इस्तेमाल किया है।' डीएमआरसी के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने कहा, 'पिंक और मजेंटा लाइन पर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का काम प्रगति पर है। काम अगले महीने पूरा होगा।'

मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा कि समस्या सिर्फ इन लाइनों के अंडरग्राउंड स्टेशनों में हैं, जबकि बाहरी स्टेशनों में ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। पिंक लाइन के पूरी तरह से अंडरग्राउंड भीकाजी कामा-हजरत निजामुद्दीन स्ट्रैच पर काम चल रहा है, जबकि मजेंटा लाइन में समस्याग्रस्त स्ट्रेच कालकाजी मंदिर और जनकपुरी पश्चिम के बीच है। ऐसी समस्या ब्लू, येलो और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में भी पाई गई है, जिसके बाद टेलिकॉप रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) को सर्वे कराने कहा गया है। एक प्रवक्ता ने बताया, 'सर्वे के आधार पर कुछ कमजोर पॉइंट चिह्नित किए गए हैं और सिग्नल बूस्टर भी लगाए गए हैं। हमने मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या को सुलझाने के लिए समान तकनीक आईटीओ स्टेशन सहित वायलट लाइन के अन्य खंडों पर भी इस्तेमाल किया है।'

 

 


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