बिहार में 30 हजार शिक्षा सेवकों को मिलेगा पीएफ का लाभ

By: Dilip Kumar
1/9/2019 11:45:32 AM
नई दिल्ली

बिहार के 30 हजार शिक्षा सेवकों को अब भविष्य निधि यानी प्रोविडेंट फंड का लाभ मिलेगा. इसके लिए 20 हजार शिक्षा सेवकों व 10 हजार तालीमी मरकज के शिक्षा सेवियों का भविष्य निधि खाता खुलेगा. भविष्य निधि का लाभ मिलने से इन सभी कर्मियों का भविष्य अब सुरक्षित हो जायेगा. भविष्य निधि खाते में 12.5 फीसदी शिक्षा सेवकों की सैलरी से कटेगी जबकि राज्य सरकार 13.25% हिस्सा देगी. शिक्षा सेवक आठ हजार रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर संविदा के आधार पर कार्यरत हैं.

इस प्रकार हरेक शिक्षा सेवकों को लगभग दो हजार रुपये इपीएफ फंड में जमा होंगे. जनवरी की सैलरी से पीएफ का लाभ उन्हें मिलने लगेगा जो उनके खाते में दस फरवरी को जमा होते हैं. जन शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी 38 जिलों के डीपीओ साक्षरता को संबंधित जिलों के इपीएफ ऑफिस में खाता खोलने की जिम्मेवारी दी है. 26 जनवरी तक सभी शिक्षा सेवकों को पीएफ फॉर्म भर कर अपने जिलों के डीपीओ साक्षरता को जमा कर देना है.

सेवाकाल में मृत होने पर शिक्षा सेवकों के आश्रितों को चार लाख रुपये की राशि के भुगतान का प्रावधान भी राज्य सरकार द्वारा पहले ही किया जा चुका है.  इसका लाभ भी सेवाकाल में मृत शिक्षा सेवकों के आश्रितों को मिलना शुरू हो गया है अब शिक्षा सेवक भविष्य निधि के लाभ के दायरे में आ गये हैं. पहले शिक्षा सेवकों को टोला सेवक और तालीमी मरकज शिक्षा सेवियों के रूप में जाना जाता था

जिसका नाम बदल कर राज्य सरकार ने शिक्षा सेवक कर दिया है. सभी शिक्षा सेवक राज्य सरकार द्वारा संचालित 'महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अति पिछड़ा अक्षर आंचल योजना' के तहत कार्यरत हैं. यह प्रदेश में साक्षरता की राज्य संपोषित योजना है जिसमें इन समुदायों के छह से चौदह आयु वर्ग के बच्चों को विद्यालय पहुंचाने-लाने एवं विद्यालय अवधि के बाद उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी भी शिक्षा सेवकों के ही जिम्मे है.


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