प्रज्ञा ठाकुर ने नामांकन भरा, कहा- मैं महिला उत्पीड़न का प्रत्यक्ष प्रमाण हूं

By: Dilip Kumar
4/23/2019 4:27:53 PM
नई दिल्ली

भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मंगलवार को नामांकन भरा। प्रज्ञा ने सोमवारा में अपनी पहली चुनावी सभा की। इसके बाद रोड शो निकाला। प्रज्ञा ने सभा में कहा- मैं महिला उत्पीड़न का प्रत्यक्ष प्रमाण हूं। मुझे अलग-अलग तरह से प्रताड़ित किया गया। उन्होंने सोमवार को भी शुभ मुहूर्त देखकर नामांकन का पहला सेट दाखिल किया था। रोड शो के दौरान एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाने की कोशिश की। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी। झंडा दिखाने वाले युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

प्रज्ञा ने जनसभा में कहा- जब सनातन संस्कृति पर हमला होता है तो संतों को आगे आना पड़ता है। इसलिए मैं भोपाल से चुनाव लड़ रही हूं। उन्होंने (कांग्रेस) भगवा को आतंकवाद कहा। हिंदुत्व विकास का पर्याय है। ऐसे में मैं हिंदुओं की तकलीफों को जानती हूं और उनकी सुरक्षा के लिए कड़ा कानून लाने के लिए जो करना पड़े, वो करूंगी। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को शुभ मुहूर्त में दो सेट नामांकन दाखिल किए थे। इस दौरान 11 पंडितों ने स्वस्तिवाचन किया था।

प्रज्ञा की सभा और रोड शो में शामिल होने आए अधिकांश लोग केसरिया रंग के कपड़े पहने थे और नेता भगवा साफा बांधे हुए थे। रोड शो में शामिल होने के लिए हजारों साधु प्रदेश के कई स्थानों से आए थे। रोड शो के चलते पुराने भोपाल में ट्रैफिक जाम हो गया। प्रज्ञा के नामांकन के बाद भोपाल से मौजूदा सांसद आलोक संजर ने भाजपा के डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा है। बताया जा रहा है कि हर राजनीतिक दल अपने मुख्य उम्मीदवार के साथ एक डमी उम्मीदवार से पर्चा दाखिल कराता है। अगर किसी वजह से मुख्य उम्मीदवार का नामांकन रद्द होता है तो उसका डमी उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सके।

मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इस पर एनआईए ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। एजेंसी ने कहा है कि यह मामला चुनाव आयोग से संबंधित है। यह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। प्रज्ञा ठाकुर ने याचिका पर कहा- यह राजनीति से प्रेरित है। यह केवल पब्लिसिटी स्टंट के लिए किया गया काम है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट का समय बर्बाद किया है। उस पर जुर्माना लगाकर याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।


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