हींग: कई रोगों के इलाज में है रामबाण

By: Dilip Kumar
5/20/2019 4:03:30 PM
नई दिल्ली

हींग का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में भी होता है। हींग संजीवनी बूटी की तरह पाचन तंत्र को मजबूत करने का कार्य करती है। पेट में दर्द होने या पेट संबंधी अन्य बीमारियों में पेट पर हींग को पानी में घोलकर लेप देने भर से लाभ मिलता है। इसकी छोटी से डली भी पानी के साथ खिला देने से रोगी को लाभ हो जाता है। इसके औषधीय गुण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने में हमारी मदद करते हैं।कच्ची हींग का स्वाद लहसुन जैसा होता है, लेकिन जब इसे व्यंजन में पकाया जाता है तो यह उसके स्वाद को बढा़ देती है। इसे संस्कृत में 'हिंगु' कहा जाता है। जुकाम, सर्दी, अपच आदि बीमारियों के लिए यह एक अचूक औषधि होती है। इसके अलावा भी हींग के बहुत से फायदे हैं। 

हींग में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो संक्रमण और दर्द की समस्या को दूर करते हैं। अगर आपके दांतों में संक्रमण है या मसूड़ों से खून निकलने और दर्द की समस्या है, तो हींग के प्रयोग द्वारा इससे राहत पाई जा सकती है। इसके लिए दांत के जिस भी हिस्से में दर्द हो, वहां हींग का एक छोटा सा टुकड़ा रख लें और दांतों से दबा लें। 5 मिनट में आपको दर्द से राहत मिलेगी। इसके अलावा आप हींग मिले गुनगुने पानी से कुल्ला कर सकते हैं, जिससे संक्रमण खत्म हो जाता है और दर्द से राहत मिलती है।

हींग में कोउमारिन नाम का पदार्थ पाया जाता है। यह खून को जमने से रोकता ही है साथ ही साथ खून को पतला भी करता है। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। सर्दी-जुकाम, तनाव और माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द में हींग के प्रयोग से आराम मिल जाता है। हींग में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं इसलिए ये सिर की रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। इसके प्रयोग के लिए डेढ़ कप पानी में दो चुटकी हींग डालें और इसे उबालने के लिए आंच पर चढ़ा दें। जब ये पानी पकते-पकते एक कप से थोड़ा कम रह जाए, तो इसे आंच से उतार लें और इसे हल्का गुनगुना करके पी लें।

प्राचीन काल से हींग का इस्तेमाल पेट की हर समस्या के लिए किया जाता रहा है। हींग में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों का भंडार होता है। पेट में कीड़े पड़ जाने पर, एसिडिटी, पेट खराब हो जाने पर हींग का सेवन काफी लाभकारी होता है। हींग में एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। हींग के प्रयोग से आप कान दर्द में भी राहत पा सकते हैं। इसके लिए एक छोटी कटोरी या पैन में दो चम्मच नारियल का तेल गर्म करें। गर्म होने पर इसमें एक चुटकी हींग मिला दें और आंच से उतारकर गुनगुना होने के लिेए रख दें। सहने लायक गुनगुना हो जाने पर ड्रॉपर की सहायता से या किसी अन्य तरह से कान में ये तेल डालें। इससे कुछ मिनट में ही आपको कान दर्द से राहत मिल जाएगी।

हींग में पाये जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व पीरियड्स से जुड़ी सभी समस्याओं में निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हींग महिलाओं में ल्यूकोरिया और कैंडिडा इंफेक्शन को ठीक करने में भी काफी कारगर है। दाद, खाज, खुजली जैसे चर्म रोगों के लिए हींग बहुत फायदेमंद है। चर्म रोग होने पर हींग को पानी में घिसकर लगाने से फायदा होता है। हींग की प्रवृत्ति गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में तड़के के रूप में या सलाद के मसाले आदि में आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।

हींग का सेवन पुरुषों के तमाम यौन संबंधी रोगों के उपचार में भी लाभकारी है। हर रोज खाने में थोड़ा सा हींग मिलाकर सेवन करने से नपुंसकता में कमी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। हींग का सेवन करने से बलगम प्राकृतिक रूप से दूर रहता है। यह एक श्वसन उत्तेजक की तरह कार्य करती है और खांसी के उपचार में मदद करती है। शहद और अदरक के साथ हींग को मिलाकर खाने से खांसी से काफी आराम मिलता है।


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