अब तो मेट्रो में खराबी आना आम बात हो गई

By: Dilip Kumar
5/21/2019 3:00:30 PM
नई दिल्ली

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ट्रेनों में तकनीकी खामियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह मजेंटा लाइन के साथ येलो लाइन पर भी हजारों यात्रियों को परेशानी से गुजरना पड़ा। आलम यह रहा कि लोगों को ट्रेनों से उतर कर ट्रैक पर पैदल चलना पड़ा। पहले मामले में कुतुब मीनार से सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे से दोपहर तक मेट्रो संचालन बाधित रहा। इसके चलते रोजाना सफर करने वाले हजारों-लाखों दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

वहीं, यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए डीएमआरसी ने पहले कुतुब मीनार और सुल्तानपुर मेट्रो स्टेशन से मेट्रो फीडर बसें चलवाईं, लेकिन यात्रियों की संख्या के हिसाब से उन्हें लाने जे जाने में वह काफी नाकाफी साबित हुईं। भयंकर गर्मी में मेट्रो फीडर बसें यात्रियों से खचाखच भरकर रवाना हो रही थीं। इसके भी लोगों को काफी दिक्कत हुई। यात्रियों के बढ़ते दबाव के चलते डीएमआरसी ने बाद में कुतुब मीनार और सुल्तानपुर से पहले के मेट्रो स्टेशन साकेत व अरजनगढ़ में ही यात्रियों का उतारकर मेट्रो फीडर बसों से रवाना किया। वहीं, मेट्रो सेवा ठप होने के बाद ओला और उबर वालों ने भी लोगों से जमकर किराया वसूला।

सुबह पीक आवर में कई रूट्स में ट्रेनों की रफ्तार धीमी रही तो कई रूट पर ट्रेनें पूरी तरह से बाधित रही। छतरपुर से कुतुब मीनार के बीच डेढ़ घंटे से अधिक समय तक एक ट्रेन फंसी रही। इसके बाद ट्रेन में कुछ लोगों की तबीयत खराब होने पर सारे गेट खोल दिए गए। ऐसा करने के बाद यात्री ट्रैक के बगल में बने छोटे-से फुटपाथ से गंतव्य के लिए निकले। यह नजारा काफी समय बाद देखने को मिल रहा है, जब ट्रेन यात्री ट्रैक पर चलकर ऑफिस या अन्य कार्यस्थलों के लिए जाने को मजबूर हुए।

वहीं, मंगलवार सुबह मजेंटा लाइन रूट के अंतर्गत बॉटैनिकल गार्डन मेट्रो स्ट्रेशन पर तकनीकी खामी के चलते सिर्फ एक गेट खोला, जबकि बाकी गेट बंद कर दिए गए। इससे मंगलवार सुबह पीक आवर में नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जा रहे यात्रियों को दिक्कत पेश आई। यहां पर बता दें कि पिछले चार दिनों के मजेंटा लाइन रूट दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब यात्रियों को भारी दिक्कत पेश आई है।

गौरतलब है कि ओखला एनएसआइसी स्टेशन उन लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो ओखला फेज 2 फेज 3 में काम करते हैं। इसके अलावा ओखला मंडी जाने वालों के लिए कालका जी मंदिर जाने वालों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण स्टेशन है और सुबह के वर्किंग के टाइम पर इस तरह से सिर्फ एक गेट का चलना लोगों के लिए मुसीबत और दर्द का कारण बना, जिससे लोगों का गुस्सा भी फूटा।इससे परेशान यात्रियों की स्टेशन स्टाफ के साथ नोकझोंक और बहस भी हुई।

मई में सबसे ज्यादा खराबी के मामले सामने आए

मजेंटा लाइन पर सिग्नल में खराबी के कारण शनिवार (18 मई) को करीब दो घंटे तक मेट्रो का परिचालन प्रभावित रहा। इस वजह से सुबह के वक्त जनकपुरी पश्चिम से एयरपोर्ट टर्मिनल-1, दक्षिणी दिल्ली व नोएडा के बॉटैनिकल गार्डन की तरफ जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ब्लू लाइन की तरह मजेंटा लाइन पर भी तकनीकी खराबी की मामले अधिक देखे जा रहे हैं। यह भी तब जब इस कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू हुए अभी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है।

करीब 38 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो कॉरिडोर पर दो चरणों में मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ था। कालकाजी से बॉटैनिकल गार्डन के बीच 25 दिसंबर 2017 को परिचालन शुरू हुआ था। वहीं, कालकाजी से जनकपुरी पश्चिम के बीच मई 2018 में परिचालन शुरू हुआ। इस कॉरिडोर पर अत्याधुनिक सिग्नल सिस्टम सीबीटीसी (कंप्यूटर बेस्ड ट्रेन कंट्रोल) का इस्तेमाल किया गया है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अनुसार, सुबह सात बजे जसोला मेट्रो स्टेशन पर सिग्नल में खराबी आ गई। इससे वजह से मेट्रो की रफ्तार थम गई। डीएमआरसी का कहना है कि सिग्नल में खराबी से ओखला से बॉटैनिकल गार्डन के बीच परिचालन प्रभावित हुआ, जबकि यात्री कहते हैं कि पूरे कॉरिडोर पर परिचालन प्रभावित रहा। इस बीच स्टेशनों पर काफी देर तक रुक-रुक कर मेट्रो ट्रेनें चल रही थीं। सुबह 8:55 बजे परिचालन सामान्य हुआ। यलो लाइन पर दोपहर तीन बजे से तकनीकी खराबी के कारण विश्वविद्यालय से समयपुर बादली के बीच 10 मिनट के लिए परिचालन प्रभावित हुआ। इसके बाद शाम करीब 5:40 बजे विश्वविद्यालय से समयपुर बादली के बीच परिचालन प्रभावित हो गया। इस दौरान करीब 35 मिनट तक परिचालन प्रभावित रहा।

स्टेशन से बाहर निकाल दिए पैसेंजर

आए दिन किसी न किसी लाइन पर खराबी के चलते मेट्रो सर्विस बाधित हो रही है। मई में सबसे ज्यादा खराबी के मामले सामने आए हैं। आज सुबह मेट्रो में फंसे गुरुग्राम में जॉब करने वाले संदेश पटवा ने बताया कि स्टेशनों पर खराबी के समय में स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही थी। सिर्फ तकनीकी दिक्कत के बारे में बताया जा रहा था। जब स्टेशन पर भीड़ बढ़ने लगी, तो पैसेंजरों को स्टेशन से बाहर निकलने के लिए कहा गया।

बस ट्वीट करती रही डीएमआरसी

वहीं डीएमआरसी की ओर से सुबह 11 बजे तक भी कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया गया। सिर्फ ट्विटर पर ही लोगों को जानकारी दी जा रही थी। पैसेंजरों का कहना है कि अब तो मेट्रो में खराबी आना आम बात हो गई है, इंडियन रेलवे में भी इतनी खराबी नहीं आती होगी। सोशल मीडिया पर डीएमआरसी को खूब आलोचना झेलनी पड़ी।

डीएमआरसी के कर्मचारी ओवरहेड केबल(OHE) को रिपेयर करने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक रिपेयर का काम पूरा नहीं हो जाता सेवाएं बाधित रहेंगी और फीडर बसों की सुविधा दी जाएगी। यात्रियों ने बताया कि जब ओएचई में फॉल्ट आया तो करीब 15 मिनट के लिए हर लाइन पर सेवाएं बाधित रहीं। थोड़ी देर बाद बाकी लाइनों पर सेवाएं बहाल हो गईं लेकिन यलो लाइन पर बाधा बनी हुई है। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए डीएमआरसी ने फीडर बसें चलाईं।


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