गाजीपुर लोकसभा से अफजाल अंसारी जीत

By: Dilip Kumar
5/23/2019 8:50:21 PM
नई दिल्ली

गाजीपुर लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्‍हा एसपी-बीएसपी गठबंधन के प्रत्‍याशी अफजाल अंसारी से 1,03796 वोटों से पीछे चल रहे हैं। पिछले दिनों हुए विवाद को देखते हुए मतणना स्‍थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसपी-बीएसपी गठबंधन ने बाहुबली मुख्‍तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी पिछले दिनों ईवीएम में हेराफेरी का आरोप लगाकर धरने पर बैठ गए थे। गाजीपुर सीट पर इस बार 58.10 प्रतिशत मतदान हुआ है जो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के 54.94 फीसदी से करीब 4 प्रतिशत ज्‍यादा है।

पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट गाजीपुर पर पिछले तीन दशक के चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं पाया है। इस बार केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने इस परिपाटी को तोड़ने की बड़ी चुनौती है। इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस नेता जैनुल बशर लगातार दो बार 1980 और 1984 के चुनाव में जीते। फिर 1989 के चुनाव के बाद से कोई भी उम्मीदवार किसी न किसी कारण के चलते अपनी जीत का सिलसिला कायम नहीं रख पाया।

इन तीन दशकों में गाजीपुर के वर्तमान सांसदों की दूसरी बार हार हो गई या फिर उन्हें टिकट ही नहीं मिला। रेल राज्य मंत्री और इस सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा पहली बार 1996 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर संसद पहुंचे लेकिन 1998 में हुए अगले चुनाव में वह हार गए। 1999 में वह गाजीपुर से फिर चुनाव जीते लेकिन 2004 में उन्हें फिर पराजय मिली। पिछली बार वह इस सीट से तीसरी बार सांसद बने और एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं।

इस सीट पर एसपी-बीएसपी गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर मनोज सिन्हा को चुनौती दे रहे अफजाल अंसारी भी 2004 में एसपी से चुनाव जीते लेकिन अगली बार 2009 से बीएसपी के टिकट पर खड़े हुए तो उन्हें एसपी के राधेमोहन सिंह ने हरा दिया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राधेमोहन सिंह को एसपी का टिकट नहीं मिला और इस तरह उनकी जीत का सिलसिला भी बरकरार नहीं रह पाया। गाजीपुर से 1989 में जगदीश कुशवाहा निर्दलीय चुनाव जीते और 1991 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वनाथ शास्त्री जीते लेकिन ये दोनों दूसरी बार संसद नहीं पहुंच पाए।


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