लखनऊ से राजनाथ सिंह साढ़े तीन लाख वोट से जीते

By: Dilip Kumar
5/23/2019 9:41:46 PM
नई दिल्ली

नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से लगातार दूसरी बार सांसद बने। लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने गठबंधन प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की पूनम सिन्हा को तीन लाख 47,302 मत से हराया। राजनाथ को 633026 वोट मिले जबकि पूनम को 285724 मत मिले। कांग्रेस के प्रमोद कृष्णम् को 180011 और नोटा के खाते में 7416 वोट आये।

2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर 53.02 फीसदी वोटिंग हुई थी, जिसमें बीजेपी के राजनाथ सिंह 54.23 फीसदी (5,61,106) वोट मिले थे और और उनके निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 27.87 फीसदी (2,88,357) मिले थे. इसके अलावा बसपा के नकुल दूबे को महज 6.23 फीसदी (64,449) वोट मिले थे. इस सीट पर बीजेपी के राजनाथ सिंह ने 2,72,749 मतों से जीत दर्ज की थी.

सामाजिक ताना-बाना

लखनऊ लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 23,95,147 है. यहां पर अनुसूचित जाति की आबादी 9.61 फीसदी है और जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 0.02 फीसदी है. इसके अलावा ब्राह्मण और वैश्य मतदाता निर्णयक भूमिका में हैं. जबकि मुसलमानों की आबादी 21 प्रतिशत है. लखनऊ लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य और लखनऊ कैंट विधानसभा सीट शामिल है. पांचों विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.

लखनऊ का इतिहास

लखनऊ संसदीय सीट पर कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिसमें सबसे ज्यादा 7 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इसके अलावा जनता दल, भारतीय लोकदल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. लखनऊ लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए तो कांग्रेस से शिवराजवती नेहरू ने जीतकर सांसद बनने का गौरव हासिल किया. इसके बाद कांग्रेस ने लगातार तीन बार जीत हासिल की, लेकिन 1967 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आनंद नारायण ने जीत का परचम लहराया. इसके बाद 1971 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस की शीला कौल सांसद बनीं.

आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में हेमवती नंदन बहुगुणा भारतीय लोकदल से जीतकर संसद पहुंचे. हालांकि 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर शीला कौल को यहां से चुनावी मैदान में उतारकर वापसी की. वह 1984 में चुनाव जीतकर तीसरी बार सांसद बनने में कामयाब रहीं. 1989 में कांग्रेस की हाथों से जनता दल के मानधाता सिंह ने यह सीट ऐसा छीना कि फिर दोबारा कांग्रेस यहां से वापसी नहीं कर सकी.

90 के दशक में बीजेपी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ संसदीय सीट से मैदान में उतरकर जीत का जो सिलसिला शुरू किया थो फिर वो नहीं थमा. यहां से बीजेपी पिछले सात लोकसभा चुनाव से लगातार जीत दर्ज कर रही है. अटल बिहारी वाजपेयी लगातार पांच बार सांसद चुने गए.

इसके बाद 2009 में उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के लिए लालजी टंडन को मैदान में उतारा गया तो उन्होंने जीत दर्ज की. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किस्मत आजमाई और उन्होंने कांग्रेस की रीता बहुगुणा को करारी मात देकर लोकसभा पहुंचे. अब वह फिर से यहां से उम्मीदवार हैं.


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