प्रभुराम ने किन्नरों को दिया वरदान,जानें पूरी कहानी

By: Dilip Kumar
6/7/2019 3:50:10 PM
नई दिल्ली

शादी-ब्याह आदि शुभ कार्यों के अवसर पर घरों में नेग मांगने आने वाले किन्नरों को लेकर अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ये कहां रहते हैं? इनके देवी-देवता कौन होते हैं? आखिर लोगों को आशीर्वाद देने की शक्ति उन्हें कहां से मिली और किसने दी? ऐसे कई सवाल हैं जो अक्सर हमारे मन में उठते हैं। इन सभी सवालों के जवाब जानने से पहले आइए जानते हैं कि क्या त्रेतायुग में भगवान राम के समय में भी इस पृथ्वी पर मौजूद थे किन्नर?

मान्यता है कि प्रभु श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास काटने के लिए अयोध्या छोड़ने लगे, तब उनकी प्रजा और किन्नर समुदाय भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे थे। तब श्रीराम ने उन्हें वापस अयोध्या लौटने को कहा। लंका विजय के पश्चात जब श्रीराम 14 साल वापस अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं ।

कभी भी भूलकर किन्नर समुदाय की बद्दुआ मोल लें क्योंकि ऐसा होने पर तमाम तरह की विपत्ति का सामना करना पड़ता है। बुजुर्ग लोग भी बता गए हैं कि यदि आप खुश न कर सकें तो कभी उन्हें नाराज न करें। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किन्नरों का अपमान करता है या उनका मजाक उड़ाता है तो उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है। यदि आपके घर या दुकान में किन्नर आए तो उसे अपनी क्षमता के हिसाब से दान करने के बाद बोलें फिर आइएगा।


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