RBI से छह महीने में दूसरा बड़ा इस्तीफा

By: Dilip Kumar
6/24/2019 6:39:43 PM
नई दिल्ली

देश में उदारीकरण लागू होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अब तक के सबसे युवा डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य (Viral Acharya) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. वह RBI में मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख थे. सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी. यह गौरतलब है कि पिछले छह महीने में रिजर्व बैंक से दो बड़े पदाधिकारी इस्तीफा दे चुके हैं. दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था. वहीं अब डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का इस्तीफा आ गया है.

भारत सरकार ने सितंबर 2016 में उर्जित पटेल को गवर्नर के तौर पर प्रमोशन दिया था. इसके बाद 23 जनवरी 2018 को विरल आचार्य रिजर्व बैंक से जुड़े. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार विरल आचार्य ने इस्तीफा का कारण बताते हुए कहा है कि वे न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए जाने की वजह से रिजर्व बैंक छोड़ रहे हैं. उनका परिवार अभी अमेरिका में ही रह रहा है. आचार्य ने कहा कि जल्द ही वे अपने परिवार के साथ रहने को अमेरिका लौट जाएंगे. आचार्य के इस्तीफा देने के बाद आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और एम. के. जैन बचे हैं.

रिजर्व बैंक के गवर्नर विरल आचार्य की नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी. लेकिन कार्यकाल के समाप्त होने के सिर्फ छह महीने पहले उनके इस्तीफे को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार मौद्रिक नीतियों पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ मतभेदों को आचार्य के इस्तीफे की वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि मौद्रिक नीतियों को लेकर हुई रिजर्व बैंक की पिछली दो बैठकों में दोनों शीर्ष पदाधिकारियों के आपसी मतभेद जगजाहिर हुए थे. इसके बाद ही आचार्य ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है.


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