मोदी ने कहा-मॉब लिंचिंग का दुख; चमकी बुखार सबसे बड़ी विफलताओं में से एक

By: Dilip Kumar
6/26/2019 8:08:50 PM
नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में चोरी के शक में युवक की मॉब लिंचिंग और बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर पहली बार बयान दिया है। मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा, झारखंड में युवक की हत्या का सबको दुख है। सदन में कहा गया कि झारखंड मॉब लिंचिंग और मॉब वॉयलेंस का अड्डा बन गया है। ये सही नहीं है। पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक किसी को नहीं है। वहीं, चमकी बुखार को लेकर मोदी ने कहा कि यह 7 दशकों में सरकारों की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है। दुख की बात है कि आधुनिक युग में भी ऐसा हो रहा है। हमें इसपर शर्मिंदगी है। मैं बिहार सरकार से लगातार संपर्क में हूं।

मोदी ने कहा कि झारखंड मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जो बुरा हुआ है, जिन्होंने बुरा किया है.. उन्हें सजा मिलनी चाहिए। वहां भी सज्जनों की भरमार है। अपराध होने पर उचित रास्ता कानून और न्याय से है। संविधान, कानून और व्यवस्थाएं हैं इसके लिए। हम जितना कर सकते हैं, करना चाहिए और इससे पीछे नहीं हटना चाहिए। गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म ने बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इसी तरह हिंसा चाहे झारखंड में हो, बंगाल में हो या फिर केरल में, हिंसा का हर जगह विरोध होना चाहिए।

मोदी ने कहा कि दुख होता है जब कुछ नेता कहते हैं कि भाजपा और उसके सहयोगी जीत गए, लेकिन देश हार गया और लोकतंत्र हार गया। ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मतदाताओं के फैसले पर सवाल क्यों उठाए जाते हैं। मोदी ने कहा, "जब यह बात कही जाती है कि लोकतंत्र हार गया तो मैं जरूर पूछना चाहूंगा कि क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया? क्या रायबरेली में हिंदुस्तान हार गया है? क्या अमेठी में हिंदुस्तान हार गया है? यानी कांग्रेस हारी तो देश हार गया। देश यानी कांग्रेस और कांग्रेस यानी देश। अहंकार की एक सीमा होती है। 55 साल तक देश में सरकार चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पाया। हमने देश के मतदाताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया। लोकतंत्र में आलोचना सम्मानित होती है, लेकिन देश के मतदाताओं का इस तरह का अपमान पीड़ा देता है।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ''यहां यह तक कह दिया गया कि देश का किसान बिकाऊ है। दो-दो हजार की योजना के कारण किसानों के वोट खरीद लिए गए। हमारे देश का किसान बिकाऊ नहीं है। हमारा किसान वह है जो हमारे लिए अन्न पैदा करता है। वह मेहनत के वक्त नहीं सोचता कि यह गरीब या अमीर के पेट में जाएगा। 15 करोड़ किसानों को इस तरह की भाषा का प्रयोग कर अपमानित किया गया।''

मोदी ने कहा, ''मीडिया की वजह से हम चुनाव जीते, यह कहा गया। हम कहां खड़े हैं। मीडिया बिकाऊ है क्या, मीडिया कोई खरीद लेता है क्या? क्या तमिलनाडु और केरल में यही लागू होगा क्या? इस सदन में बोली गई बातों का असर पूरे देश में होता है। हम कुछ भी कहते हैं और अखबारों को हेडलाइन मिल जाएगी। हमें गर्व होना चाहिए कि भारत की चुनाव प्रक्रिया विश्व में हमारी प्रतिष्ठा को बढ़ाने का एक अवसर होती है। इस अवसर को खोना नहीं चाहिए।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ''सदन में ईवीएम पर चर्चा होती है। नई बीमारी शुरू हुई। ईवीएम को लेकर सवाल उठाए जाते हैं, बहाने बनाए जाते हैं। कभी हम भी सदन में दो रह गए थे, लेकिन हमारा कार्यकर्ताओं, विचारों और लोकतंत्र पर भरोसा था। निराशाजनक वातावरण में हमने कार्यकर्ताओं पर विश्वास पैदाकर पार्टी को खड़ा किया। हम भी हारे, लेकिन कभी रोना नहीं रोया कि इस वजह से हारे, उस वजह से हारे। जब स्वयं पर भरोसा नहीं रहता, सामर्थ्य का अभाव रहता है.. तब बहाने खोजे जाते हैं।''


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