कर्नाटक : विश्वासमत पर बहस के बाद सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित

By: Dilip Kumar
7/18/2019 6:46:15 PM
नई दिल्ली

कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार के विश्वास मत पर बहस चल रही है। भाजपा ने सत्ता पक्ष के भाषणों पर सवाल उठाए। बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि लंबे भाषणों की जगह बिना देर किए फ्लोर टेस्ट कराया जाए। भाजपा ने आरोप लगाया कि स्पीकर रमेश कुमार विश्वासमत कराना नहीं चाहते हैं, वे अल्पमत की सरकार चलाना चाहते हैं। भाजपा विधायकों ने राज्यपाल को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा। इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने स्पीकर से कहा कि आज ही विश्वासमत कराए जाने पर विचार किया जाना चाहिए।

इससे पहले सदन में कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल की सदन से अनुपस्थिति पर भी सदन में हंगामा मचा। पाटिल ने अपने अस्वस्थ होने और इलाज के लिए मुंबई जाने से संंबंधित जानकारी स्पीकर को एक पत्र के जरिए भेजी थी। इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमारे एक विधायक को अगवा कर लिया है। विधायक की अनुपस्थिति पर स्पीकर ने कहा कि यह मुझे अस्वाभाविक लगता है। उन्होंने गृहमंत्री से कल तक रिपोर्ट मांगी है।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हमें 100% जीत का भरोसा है। उनके पास 100 से कम विधायक हैं, जबकि हमारे पास 105। उनका विश्वास मत का प्रस्ताव गिर जाएगा।कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इसके बाद से कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार संकट में है। येदियुरप्पा ने दावा किया है कि भाजपा 4-5 दिन में सरकार बना लेगी।

कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायक मुंबई में हैं। कांग्रेस को दो विधायक सदन से अनुपस्थित हैं। इसके अलावा बसपा के 1 और 2 निर्दलीय विधायक भी सदन से गैर-हाजिर हैं। इन 20 विधायकों के साथ स्पीकर को भी हटा दें तो सदन में संख्या 203 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 102 विधायक चाहिए। इस स्थिति में कांग्रेस-जेडीएस के पास 116 के मुकाबले अब 98 विधायक रह जाएंगे। भाजपा के पास 105 विधायक रहेंगे।

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जेडीएस के सभी 37 विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इनमें उनकी पार्टी के तीन बागी विधायक नारायण गौड़ा, गोपालैया और एच विश्वनाथ भी शामिल हैं। जेडीएस ने कहा है कि अगर विधायक गैर-मौजूद रहते हैं या विश्वास मत के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो दल बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि, इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि वह पार्टी में हैं और सरकार के पक्ष में वोटिंग करेंगे।

 


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