हिंदुओं के लिए खलनायक बने मीथा ने कहा मुझे एक और बेगम चाहिए, वो भी हिंदुस्तानी

By: Dilip Kumar
7/23/2019 4:35:42 PM
नई दिल्ली

सिंध प्रांत में हिंदुओं के लिए खलनायक बने अब्दुल खालिक मीथा ने बातचीत के दौरान कबूल किया कि वह हिंदू लड़कियों को मुस्लिम बनाने के मिशन पर था, है और आगे भी रहेगा। यही नहीं, वह दावे के साथ कहता है कि उसके नौ बच्चे भी यही काम करेंगे, जैसे उसके पुरखों ने किया था। दूसरी ओर, पाकिस्तान का मानवाधिकार आयोग हालिया रिपोर्ट में मान चुका है कि पिछले साल अकेले सिंध प्रांत में ही अल्पसंख्यकों के धर्मांतरण के एक हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। सिंध प्रांत में धर्मांतरण का सबसे बड़ा अड्डा धरकी शहर की भरचूंदी दरगाह है, जिसे प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी अब्दुल खालिक मीथा ही चलाता है। यहां के सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक, बीते नौ सालों में 450 हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण इसी दरगाह में कराया गया।

इस बारे में जब मीथा से बात की गई तो उसने कहा- ‘हां, मैंने हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए दरगाह में व्यवस्था की है। लेकिन, मैं लड़कियों को उनके घर से दरगाह तक लाने के लिए कोई टीम नहीं भेजता। वे अपनी इच्छा से यहां आती हैं। इसलिए मैं उनके निकाह का इंतजाम करता हूं। मेरे पूर्वजों ने हिंदुओं का धर्मांतरण कराकर इस्लाम की सेवा की है। आज मैं इस मिशन को आगे बढ़ा रहा हूं। मेरी मौत के बाद मेरे बच्चे भी इसे बढ़ाएंगे।’

मीथा के मुताबिक, ‘भारत में घर वापसी कैंपेन इसलिए जल्दी ठंडा पड़ गया, क्योंकि पाकिस्तान में किसी भी हिंदू लड़की के साथ जबरदस्ती नहीं हो रही है। घर वापसी कैंपेन पाकिस्तान और इस्लाम को नीचा दिखाने के लिए ही था। अगर पाकिस्तान में एक भी हिंदू लड़की पर दबाव डालकर जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया होता तो भारत सबसे पहले यूएन जाता। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया। मेरे घर, दरगाह और दरयाल-अमन (सेफ हाउस) में 17 से ज्यादा हिंदू लड़कियां हैं, पर मैंने उनका धर्मांतरण नहीं कराया, क्योंकि वह खुद ऐसा नहीं करना चाहतीं। लेकिन, जो धर्म बदलना चाहती हैं, उन्हें मैं पूरी सुरक्षा देता हूं।’

78 साल का मीथा दशकों से धर्मांतरण करा रहा है। सियासी पैठ होने की वजह से वह प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी बन गया। नौ बच्चों का पिता है। उसकी पत्नी गुजर चुकी है। अब वह एक और शादी करना चाहता है। कहता है- ‘मेरे फॉलोअर्स चाहते हैं कि मैं एक निकाह और करूं। इसलिए अपने लिए दुल्हन भी खोज रहा हूं। मेरी नई बेगम हिंदुस्तान से हो, ऐसी मेरी ख्वाहिश है।’

सिंध प्रांत में लोग जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सड़कों पर उतर रहेे हैं। पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण उतना ही पुराना है, जितनी यहां की मुस्लिम आबादी। 11-15 साल की हिंदू लड़कियां इसकी सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं। हाल में दो लड़कियों के अपहरण के बाद से मुद्दा फिर गरम है।

 


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