उत्तराखंड: आंधी-बारिश का कहर, कई जगह सड़कें बंद

By: Dilip Kumar
7/14/2019 12:05:00 AM
नई दिल्ली

उत्तराखंड में बारिश और आंधी ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे कई घंटों तक बंद रहे। वहीं बोल्डर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। बारिश के दौरान जसपुर के ग्राम रामनगर वन में कच्चे मकान की दीवार गिरने से कैलाशो देवी (65) की मौत हो गई। आंधी से पेड़ गिरने से कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं। नैनीताल में भी एक पांच मंजिला मकान ढह गया। 

भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर तहस-नहस हो गया है। मूसलाधार बारिश से अगथला गदेरे में मलबा आने से जोशीमठ से रामनगर जा रही एक बस यहां फंस गई, जिससे करीब चार घंटे तक यात्रा वाहनों की आवाजाही ठप रही। जेसीबी से मलबा हटाने के बाद बस को सुरक्षित निकाला गया। वहीं बदरीनाथ हाईवे बिरही में करीब दस मीटर तक बह गया है। क्षेत्रपाल और बाजपुर में भी हाईवे पर जगह-जगह भारी मात्रा में मलबा आया। बदरीनाथ हाईवे पर शनिवार को सुबह आठ बजे से हाईवे खुलने के बाद बदरीनाथ, पांडुकेश्वर और गोविंदघाट में रोके गए करीब 600 तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को रवाना किया गया।

जोशीमठ मलारी हाईवे पर जुम्मा के समीप कार्य करने के दौरान शनिवार को 12 बजे पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से बीआरओ मजदूर घायल हो गया। मजदूर को सेना के हॉस्पिटल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। थाना प्रभारी जयपाल नेगी ने बताया कि महेश भट्ट पुत्र राम सिंह भट्ट उम्र 26 निवासी भल्लागांव का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

भारी बारिश से चमोली जिले में ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली आठ सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे ग्रामीणों को गंतव्य तक जाने के लिए मीलों दूरी पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है। गोपेश्वर-पोखरी मार्ग हापला घाटी में जगह-जगह अवरुद्ध हो गया है, जिससे घाटी में वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। लोनिवि की ओर से निर्माणाधीन गुड़म-नैल मोटर मार्ग पर भूस्खलन से सिदेली गांव के ग्रामीणों की गोशालाएं और मकान खतरे की जद में आ गए हैं। नंदप्रयाग-सैकोट मोटर मार्ग, पोखरी-गोपेश्वर, पोखरी-विशालखाल-आली, कोठियालसैंण-सावरीसैंण, सेमी-मासौं-उत्तरों, सेमी-पनाई-उत्तरों, अपर चमोली-खैनुरी, खड़वाला-पर्थाकुनी मोटर मार्ग।

शुक्रवार देर रात को ओजरी-डबरकोट में भूस्खलन हो गया, जिससे यमुनोत्री हाईवे करीब आठ घंटे अवरुद्ध रहा। एनएच के कर्मचारियों ने शनिवार सुबह मलबा हटाकर यातायात बहाल किया। शनिवार को हाईवे बाधित होने व पहाड़ी से पत्थर गिरने के डर को देखते हुए प्रशासन ने जानकीचट्टी व बड़कोट से आनेजाने वाले वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया, जिससे यमुनोत्री धाम की यात्रा पर पहुंचे तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि मौसम साफ होते ही मौके पर मौजूद एनएच कर्मचारियों ने सुबह करीब आठ बजे तक मलबा हटाकर यातायात बहाल कर दिया।

कोटद्वार में भाबर के किशनपुर, झंडीचौड़ व सिगड्डी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के साथ चले तेज अंधड़ में कई जगहों पर मुख्य मार्गों पर पेड़ गिर गए। पेड़ की चपेट में आकर विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं और क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति कई घंटे तक ठप रही।सरोवर नगरी में 80 साल पुराने पांच मंजिला मकान का एक हिस्सा शनिवार सुबह पांच बजे भरभरा कर ढह गया। मकान 15 साल से खाली होने की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ। नगर पालिका ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मल्लीताल में मदन लाल साह का लगभग 80 साल पुराना मकान है।

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर छोटी लिंचौली सहित कई स्थानों पर पत्थर गिरने से यात्रियों की आवाजाही रुक-रुक कर होती रही। सुरक्षा को देखते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने विभिन्न यात्रा पड़ावों पर यात्रियों को सर्तक रहते हुए आवाजाही करने को कहा। लिंचौली में दोपहर कुछ देर के लिए यात्रियों को रोका गया।


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