आर्टिकल 370 हटाने पर बौखलाया पाकिस्तान

By: Dilip Kumar
8/5/2019 6:23:17 PM
नई दिल्ली

सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 और 35A को खत्म कर दिया है. जम्मू-कश्मीर को अब केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है. लद्दाख को भी कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है. मोदी सरकार के इस फैसले पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. सबसे ज्यादा हलचल पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में देखी जा रही है. पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 पर मोदी सरकार के कदम का विरोध किया है. कोई भी एकतरफा कदम कश्मीर का 'स्टेटस' नहीं बदल सकता. इस बीच कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए पाकिस्तान असेंबली ने मंगलवार को ज्वॉइंट सेशन भी बुलाया है.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में जम्मू-कश्मीर की स्थिति को विवादास्पद माना गया है. लिहाजा भारत सरकार का ये एकतरफा फैसला है और ये फैसला जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार नहीं है.' पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, कश्मीर विवाद के दूसरे पक्ष के रूप में पाकिस्तान आर्टिकल 370 को खत्म करने वाले भारत के इस फैसले को काउंटर करने के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएगा. पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपने संकल्प पर आज भी कायम है. कश्मीर के राजनीतिक, लोकतांत्रिक और नैतिक विकास के लिए हम लड़ते रहेंगे.'

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के चेयरमैन और नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने मोदी सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र संघ के खिलाफ करार दिया है. शहबाज ने कहा, 'कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करना असंवैधानिक है. ये संयुक्त राष्ट्र के प्रति 'एक तरह से राजद्रोह' है, जिसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता.' पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के चेयरमैन शहबाज शरीफ ने ये भी कहा कि भारत में मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का जो फैसला लिया है, वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन भी है.

बिलावल ने कहा- भारत में चरमपंथी सरकार

वहीं, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो ने भी कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने को लेकर प्रतिक्रिया दी है. बिलावल ने कहा- 'कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म करके चरमपंथी भारत सरकार ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं.' पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन ने ट्वीट किया, 'चरमपंथी भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. राष्ट्रपति को तुरंत कश्मीर में आक्रामकता के मद्देनजर संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए.'


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