जम्मू-कश्मीर के गवर्नर ने किया 50,000 सरकारी नौकरियों का ऐलान

By: Dilip Kumar
8/28/2019 6:38:50 PM
नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद वहां लगी पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास का खाका खींचना भी शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने बुधवार को ऐलान किया कि अगले 2 से 3 महीने में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 50,000 सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती होगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि एक दो दिन में कश्मीर के विकास के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। गवर्नर मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्हें राजनीतिक नौसिखुआ भी बताया। 

गवर्नर मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आर्टिकल 370 पर फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के हित और बेहतरी के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, 'आने वाले 2-3 महीनों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 50,000 सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। जल्द ही पदों और आवेदन तिथि, प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।'

उन्होंने कहा कि सूबे के 7 लाख सेब उत्पादकों की समस्याओं से हम वाकिफ हैं। गवर्नर मलिक ने कहा, '50 डिग्री कॉलेज और खोले जाएंगे। लड़कियों के लिए अलग से कॉलेज बनाए जाएंगे। 5 नए मेडिकल कॉलेज बनने हैं। हर जिले में एक आईटीआई होगी। प्रधानमंत्री ने हर मंत्रालय से कहा है कि ढूंढिएं कि कश्मीर में विकास के लिए क्या-क्या हो सकता है। हर दिन मंत्रालयों की टीमें राजभवन आ रही हैं।'गवर्नर मलिक ने कहा कि राज्य में निवेश नहीं आ रहा था। विकास में पीछे रह गए थे। उन्होंने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि 6 महीने में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इतना काम होगा कि पार वाले कश्मीर (POK) के लोग भी कहने लगेंगे कि हम उन जैसा होना चाहते हैं।'

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए मलिक ने उन्हें राजनीतिक नौसिखुआ बताया। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने राजनीतिक नौसिखिए की तरह व्यवहार किया। संसद में उन्हीं का नेता (अधीर रंजन चौधरी) कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मामला बता रहा था। वहां उन्हें (राहुल गांधी) को उस नेता को टोकना चाहिए था और बैठा देना चाहिए था।' बता दें कि राहुल गांधी विपक्ष के नेताओं के साथ पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर जा रहे थे लेकिन श्रीनगर एयरपोर्ट से उन्हें लौटा दिया गया। उसके बाद कांग्रेस नेता ने सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी के बयान को पाकिस्तान ने भी लपक लिया और उनके हवाले से कश्मीर में 'नरसंहार' का दुष्प्रचार कर रहा है।

गवर्नर मलिक ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और जल्द ही पाबंदियों को धीरे-धीरे उठा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पाबंदियों को जल्द ही धीरे-धीरे उठा लेंगे। 111 में से 81 पुलिस स्टेशनों में ढील दी जा रही है। तमाम जगहों पर दिन के वक्त कोई पाबंदी नहीं है। कई जगहों पर लैंडलाइन खुल गई है। इंटरनेट खोलने में शायद थोड़ी देरी हो। स्कूल खुल गए हैं, जहां उपस्थिति कुछ जगहों पर अच्छी है तो कुछ जगह कम है। जम्मू के सभी 10 जिलों में मोबाइल सेवा शूरू हो गई है। लद्दाख के 2 जिलों में भी मोबाइल सेवा जारी है। ट्रांसपोर्ट सही से हो रहा है, अस्पतालों में इलाज हो रहा है, सारी जरूरी दवाएं हैं। अफवाहों में न आएं।

गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा, 'मैं सबसे निवेदन करना चाहता हूं कि ये दिक्कतें पहले भी थीं। 10-20 दिन इन दिक्कतों को भुगत लें। हमारे लिए एक-एक कश्मीरी भाई की जान महत्वपूर्ण है। हम नहीं चाहते कि एक भी आदमी की जान जाए।' उन्होंने कहा, 'क्रॉस बॉर्डर टेररिजम में 40 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। यहां अफवाहें फैलाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि मौत छिपाई जा रही है, जो बिलकुल झूठ है। हम तो छर्रा लगने के आंकड़ों को भी बता रहे हैं। सिर्फ एक केस में गर्दन से ऊपर छर्रा लगा है। पाबंदियों को समझने की कोशिश करें। फोन, इंटरनेट आखिर किस काम आता है। यह आतंक फैलाने में हथियार की तरह इस्तेमाल होता है। इसलिए इंटरनेट सेवा बहाल करने में वक्त लगेगा।


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