'सिंगल यूज प्‍लास्टिक को अब अलविदा कहे दुनिया'

By: Dilip Kumar
9/9/2019 1:24:08 PM
नई दिल्ली

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में चल रहे 12 दिवसीय कॉप -14 कॉन्‍फ्रेंस की बैठक संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि भारत में सदा से धरती को पवित्र स्‍थान दिया गया है। भारतीय संस्‍कृति में भूमि को माता माना गया है। भारत के लोग सुबह सोकर उठने के बाद धरती को नमन करके दिन की शुरुआत करते हैं। भारत के लोग प्रात:काल धरती पर पैर रखने से पहले 'समुद्र वसने देवी पर्वतस्‍तन मंडले, विष्‍णु पत्‍नी नमस्‍तुभ्‍यम्, पाद स्‍पर्श क्षमस्‍वमे' की प्रार्थना करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण और जलवायु, जैव विविधता एवं धरती दोनों को ही प्रभावित करते हैं। यह व्‍यापक रूप से स्‍वीकार किया जाता है कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्‍प्रभावों का सामना कर रही है। ये दुष्‍परिणाम भूमि के क्षरण के रूप में दिखाई दे रहा है। यही नहीं इससे जीवों की प्रजातियों पर भी संकट मंडराने लगा है। हम इन दुष्‍परिणामों को धरती का तापमान बढ़ने, समुद्र का जलस्‍तर बढ़ने और बाढ़, तूफान, भूस्‍खलन जैसी घटनाओं के तौर पर देख रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया के दो तिहाई देश मरूस्‍थलीकरण जैसी गंभीर समस्‍या का समाना कर रहे हैं।

धानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया गंभीर जल संकट के दौर से गुजर रही है। जब हम मरुस्‍थलीकरण पर बात करते हैं तो जल संकट जैसी समस्‍या पर भी विचार करना पड़ता है। हमें जमीन को मरुस्‍थलीकरण से बचाने के लिए जल संरक्षण पर भी ध्‍यान देना होगा। हमें इस बात पर ध्‍यान देना होगा कि धरती के मरुस्‍थलीकरण से हमारा सतत विकास भी प्रभावित होता है। भारत की संस्‍कृति में धरती, जल, वायु और पर्यावरण के संरक्षण की संकल्‍पना मौजूद है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत में साल 2015 से साल 2017 के बीच वनीकरण में 0.8 मिलियन हेक्‍टेयर का इजाफा हुआ है।


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