महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर, फडणवीस फिर बने मुख्यमंत्री, अजित पवार डिप्टी सीएम

By: Dilip Kumar
11/23/2019 10:22:38 AM

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद औरगोपनीयता की शपथ दिलाई। वहीं, राकांपा नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। 9 नवंबर को महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन शनिवार को 5:47 बजे हटा दिया गया। इसके बाद सुबह 8:15 बजे फडणवीस और पवार ने शपथ ले ली।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की बात पर भाजपा-शिवसेना गठबंधन में दरार पड़ गई। इसके बाद कई दौर की बातचीत के बाद शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस में सरकार बनाने को लेकर सहमति बनती दिखी। शुक्रवार रात राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सहमति बन गई है। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि बातचीत में कई मुद्दे सुलझा लिए हैं, लेकिन अभी कुछ मसलों पर बातचीत चल रही है।

जानकारी के मुताबिक, अजित पवार 30 विधायकों के साथ अलग हो गए हैं और नई पार्टी बना ली है। शरद पवार ने ट्वीट किया- अजित ने जो किया, वह राकांपा का फैसला नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि राकांपा के कुछ बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी ही इस घटनाक्रम में बड़ी भूमिका बताई जा रही है।

वहीं, शुक्रवार रात में राकांपा की बैठक में अजित पवार मौजूद नहीं थे। उसी दौरान भाजपा के साथ उनकी बातचीत आगे बढ़ी। दरअसल, शिवसेना 5 साल का मुख्यमंत्री चाहती थी। अजित की मुख्य आपत्ति यह थी कि शिवसेना को पूरे 5 साल का मुख्यमंत्री क्यों दिया जाए, जबकि हमारे (राकांपा के) पास भी बराबरी की सीटें हैं। राज्यपाल कोश्यारी दो दिन (शनिवार-रविवार) दिल्ली दौरा था। ऐन मौके पर उन्होंने कार्यक्रम रद्द किया और शनिवार सुबह शपथ ग्रहण करा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को ट्वीट कर बधाई दी। मोदी ने कहा, “फडणवीस जी को मुख्यमंत्री और अजित पवार जी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की बधाई। मुझे विश्वास है कि दोनों महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए परिश्रम और लगन से काम करेंगे।”

‘शिवसेना की वजह से ऐसा हुआ’

फडणवीस ने कहा, ‘‘हमारे नेता मोदी जी और शाह जी का बहुत आभार। उन्होंने फिर एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे सेवा करने का मौका दिया। महाराष्ट्र की जनता ने एक स्पष्ट जनादेश दिया था। शिवसेना ने हमारे साथ गठबंधन करने के बजाय दूसरी जगह गठबंधन करने का फैसला किया। शिवसेना की वजह से ऐसी नौबत आई। महाराष्ट्र जैसे अगड़े राज्य को यह शोभा नहीं देता कि यहां ज्यादा दिन राष्ट्रपति शासन लगा रहे। यहां ऐसी कोई सरकार बननी भी नहीं चाहिए जो ज्यादा दिन चल न सके। मैं अजित पवार जी का शुक्रिया करना चाहूंगा कि वे हमारे साथ आए। इसलिए हमने राज्यपाल जी को दावा पेश किया। राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति जी से चर्चा की कि शासन हटाने की अनुशंसा की जाए। इसलिए राज्यपाल जी ने हमें शपथ के लिए बुलाया।’’ अजित पवार ने कहा कि हम किसानों की समस्या हल करने के लिए साथ आए हैं।


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