लॉकडाउन में आरबीआई का पैकेज : ईएमआई पेमेंट में 3 महीने की छूट

By: Dilip Kumar
3/27/2020 12:47:13 PM
मुंबई

कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। RBI ने आज सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थाओं (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों को टर्म लोन की किस्‍त तीन महीने तक टालने को कहा है।

RBI ने अपने बयान में कहा है, 'सभी कॉमर्शियल, क्षेत्रीय, ग्रामीण, एनबीएफसी और स्‍मॉल फाइनेंस बैंकों को किस्‍त के भुगतान पर 3 महीने का मोरैटोरियम देने की अनुमति दी जाती है। यह वैसे सभी लोन के लिए प्रभावी होगी जिनकी ईएमआई 31 मार्च को जानी है।'
आरबीआई के बड़े कदम-
1. रेपो रेट में 0.75% कमी
असर : सभी कर्ज सस्ते होंगे
2. टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट
असर: ग्राहकों और बैंकों को राहत मिलेगी
3. वर्किंग कैपिटल पर ब्याज का भुगतान तीन महीने टाला
असर: कंपनियों को राहत मिलेगी
4. कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) 1% घटाया
असर : सीआरआर यानी बैंकों के पास मौजूद रकम का वह हिस्सा जो उसे आरबीआई के पास रखना होता है। इसमें कमी होने से बैंकों के पास ज्यादा कैश रहेगा।

5. रिवर्स रेपो रेट में 0.90% कमी

असर : रिवर्स रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों से उधार लेता है। इसमें कमी का मतलब है कि बैंक आरबीआई के पास ज्यादा पैसा नहीं रखना चाहेंगे, इससे बाजार में ज्यादा कैश रहेगा।
6. आरबीआई के फैसलों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ेगी

आरबीआई के फैसलों के असर को सवाल-जवाब में समझिए-

1. ईएमआई में तीन महीने की छूट के मायने क्या हैं ?
ईएमआई पेमेंट में छूट का मतलब यह नहीं कि आपको कभी बकाया भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में भुगतान करना होगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए। विशेषज्ञों की राय है कि वेतनभोगी या जिनके पास पर्याप्त नकदी है उन्हें ईएमआई समय पर ही चुकानी चाहिए, नहीं तो उन पर ही बोझ बढ़ेगा।

2. आरबीआई के फैसले से किसे और क्या फायदा होगा?
आम आदमी को : नकदी की कमी की वजह से तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा।
छोटी कंपनियों को : लोन चुकाने में राहत मिलने से नकदी की कमी नहीं होगी। वर्किंग कैपिटल लोन के ब्याज भुगतान में भी तीन महीने की राहत मिलेगी। क्रेडिट हिस्ट्री पर भी असर नहीं पड़ेगा।
बैंकों को : कोरोनावायरस की वजह से अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में आशंका थी कि कई ग्राहक डिफॉल्ट कर सकते हैं। इससे बैंकों का एनपीए बढ़ता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कर्ज का भुगतान नहीं आने से बैंकों के पास कैश की कमी नहीं हो, इसके लिए नकदी बढ़ाने के उपाय भी किए गए हैं।

3. रेपो रेट घटने से क्या ईएमआई घटेगी ?

हालांकि, लॉकडाउन की वजह से नए कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ने के आसार तो नहीं हैं। लेकिन, रेपो रेट से जुड़े कर्ज वाले मौजूदा ग्राहकों की ईएमआई कम हो जाएगी।

4. बैंकों के शेयरों में गिरावट से क्या ग्राहक प्रभावित होंगे?
आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि शेयर बाजारों में पिछले दिनों आई गिरावट से बैंकों के शेयर भी टूटे। लेकिन, इसका ग्राहकों से कोई मतलब नहीं। बैंकों में ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश का फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत है।

5. क्या राहत के और भी ऐलान होंगे?
आरबीआई गवर्नर ने संकेत साफ संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी जरूरी कदम हैं, उन पर विचार किया जा रहा है।

देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है

सरकार ने भी गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसमें गरीब, किसान, मजदूर, महिला, बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत के ऐलान किए गए थे। कोरोनावायरस की वजह से देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है। इससे अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।


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