दिल्‍ली हिंसा मामले में अब तक 38 FIR दर्ज, 84 लोगों को किया गया गिरफ्तार

By: Dilip Kumar
1/30/2021 7:55:19 PM
नई दिल्ली

 तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग लेकर 2 महीने से भी अधिक दिन से चल रहा धरना प्रदर्शन शनिवार को 66वें दिन में प्रवेश कर गया है। गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) पर चल रहे किसान आंदोलन में किसानों के समर्थन में शनिवार दोपहर पहुंचे वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि  गाजीपुर में अपने भाई किसानों के समर्थन में आया हूं। यह आंदोलन किसानों की भावनाओं का आंदोलन है और इस आंदोलन को टूटने नहीं दिया जाएगा। आंदोलन की इस ऊर्जा को बरकरार रखने के लिए अलग अलग जिला व गांव से किसान भी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। हमारी एकता ही हमारी ताकत है। देश के अन्नदाता केंद्र सरकार से अपने अधिकारों की मंग कर रहे हैं। हमारा देश इन्हीं अनदाताओं की वजह मजबूत है। आज ये किसान की नहीं हर मजदूर व हर वर्ग की लड़ाई है और इस आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाकर केंद्र सरकार किसानों की मांग को पूरा करने के लिए मजबूर करंगे। इधर, दिल्‍ली पुलिस के घरवाले शहीदी पार्क में धरना दे रहे हैं। वह बीते 26 जनवरी को हुई हिंसा का विरोध जता रहे हैं। इस हिंसा में  कई पुलिसवाले जख्‍मी हुए थे।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अहम निर्णय लेते हुए सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार रात 11 बजे से रविवार रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद करने की घोषणा की है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि बिना इजाजत के कोई लाल किले में नहीं पहुंच सकता। वे लोग सीधा लाल किला चले गए और वो लोग खुद कह रहे हैं कि हमें किसी ने नहीं रोका। आंदोलन को तोड़ने के लिए कई षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। इस बीच जानकारी मिली है कि किसानों के आंदोलन के चलते यूपी गेट से लेकर सिंधु बॉर्डर के बीच कई पेट्रोल पंप बंद हैं। इससे इनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। अब तक इन पेट्रोल पंप मालिकों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।

गणतंत्र दिवस पर राजधानी में मचे उपद्रव और शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुए बवाल के बाद प्रदर्शनकारियों में अब डर का माहौल है। पुलिस की ओर से तीन तरफ से घेर लिए जाने के बाद अब हालात ऐसे बन गए हैं कि प्रदर्शनकारी यहां से भागने लगे हैं। शुक्रवार शाम को काफी लोग नरेला के रास्ते जाते हुए दिखे। सामान लादकर दो ट्रक उन्होंने नरेला की ओर खड़े कर दिए हैं। यह सब शुक्रवार को पुलिस पर किए गए हमले के बाद का माहौल है। 


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